पहाड़ के नीचे गहराई में बसे गांव तक पहुंची पक्की सड़क

in #dindori2 years ago

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डिंडौरी । आजादी के 75 वर्ष बाद जिले के सीमावर्ती पहाड़ी के नीचे गहराई में बसे आदिवासी बहुल दुनियाबघाड गांव तक पक्की सडक अब पहुंच गई है। यह गांव खड़ी पहाड़ी के नीचे बसे होने के चलते विकास से काफी दूर था। गांव के लोग खड़ी पहाड़ी चढ़कर जनपद व जिला मुख्यालय आवश्यक कार्य पड़ने पर आना जाना करते थे। लगभग साढ़े तीन किलोमीटर घाट का क्षेत्र वन भूमि में होने के चलते यहां पक्का निर्माण कार्य कराना भी बाधक था। कलेक्टर रत्नाकर झा द्वारा बड़ी पहल करते हुए गांव तक पक्की सडक का निर्माण कार्य कराया गया है। आजादी के बाद पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान दल वाहन से मतदान केंद्र तक पहुंचा था। जिले के डिंडौरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रामगुड़ा में पहुंच विहीन गांव रहे दुनियाबघाड शामिल थे।

सूरज की किरणें भी कम पहुंचती हैं

चारों ओर ऊंची पहाड़ियों के नीचे बसे दुनियाबघाड गांव तक सूरज की किरणें भी कम पहुंचती हैं। यह गांव उमरिया और डिंडौरी जिले की सीमा में बसा है। गांव तक आवागमन के लिए मार्ग न होने से लोग इतने वर्षों से विकास से कोसों दूर थे। गांव के मुन्ना सिंह, समरथ ने बताया कि गांव तक एंबुलेंस सहित अन्य वाहन नहीं पहुंच पाते थे, जिससे अब तक समय पर इलाज न होने से कई लोगों की इस गांव में मौत भी हो चुकी है। खड़ी पहाड़ी चढकर गांव के लोग राशन लेने रामगुड़ा और बूढन आने को मजबूर थे।

चौपाल में ग्रामीणों की दिखी थी नाराजगी

पहुंच विहीन गांव होने की जानकारी लगने पर चार माह पूर्व कलेक्टर रत्नाकर झा द्वारा पुलिस अधीक्षक संजय सिंह सहित विभागीय अधिकारियों के साथ पैदल गांव तक पहुंच चौपाल लगाई गई थी। चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने सडक की समस्या बताते हुए नाराजगी भी व्यक्त कर यहां तक कह दिया था कि कई कलेक्टर आए और चले गए, किसी ने इस ओर सार्थक पहल नहीं की। चौपाल के बाद से ही कलेक्टर रत्नाकर झा द्वारा शीघ्र सड़क निर्माण कराने का आश्वासन दिया था। विकास से कोसों दूर संबंधित गांव के विकास की कार्ययोजना कलेक्टर द्वारा बनवाई गई और उस पर तेजी से कार्य भी शुरू कराया। दुनियाबघाड में ही राशन दुकान शुरू कराई गई है। गांव में ही लोगों को राशन मिल रहा है। आरईएस विभाग द्वारा लगभग साढ़े छह किलोमीटर की पक्की सीसी रोड सड़क का निर्माण कार्य कराया जा रहा है जो अंतिम दौर में पहुंच गया है।

वर्जन.....
खड़ी पहाड़ी के कई वर्गफिट नीचे बसे दुनियाबघाड गांव तक पक्की सडक बनाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम था। गांव की समस्या के बारे में जानकारी लगने पर मैं चार माह पहले पैदल गांव तक पहुंचा था। समस्या को देखकर यहां वन विभाग से बात कर पक्की सड़क बनवाने का कार्य शुरू कराया गया। कार्य अंतिम चरणों में है। यहां चुनाव में भी पहली बार मतदान दल वाहन से गांव तक गए थे। गांव में जल जीवन मिशन से भी कार्य चल रहा है। यहां के लोग पहले पहाड़ी चढ़कर राशन लेने लंबी दूरी तय कर दूसरे गांव आते थे। गांव में ही राशन दुकान शुरू करा दी गई है।
रत्नाकर झा
कलेक्टर डिंडौरी।

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