एमबीडी बांध पर नदी ने रोका मरम्मत कार्य
15 जून तक पूरी करनी थी बांध की मरम्मत अब भी अधूरा
घाघरा नदी की बाढ़ से बचाव के लिए तुर्कवलिया नायक गांव के पास एमबीडी बांध के मरम्मत कार्य को नदी ने रोक दिया है। 15 जून तक बांध का पिचिंग करने, ठोकर और नोज बनाकर नदी की कटान को रोकने तथा नदी की धारा मोड़ने का दावा करने वाला सिंचाई विभाग अभी तक 40 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो सका है। सिंचाई विभाग की लापरवाही और नदी के रुख को देखते हुए गांव के लोग भयभीत हैं।
सिंचाई विभाग ने नदी की कटान रोकने समेत अन्य कार्य को किए जाने के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। जिसे मंजूरी देते हुए शासन ने बीस करोड़ रुपये विभाग को मुहैया भी करा दिया। मई के प्रथम सप्ताह में सिंचाई विभाग ने बांध की मरम्मत का कार्य शुरू करने के साथ नोज और ठोकर बनाने का भी कार्य प्रारंभ किया। शुरू किए गए कार्य को 15 जून के पहले विभाग ने पूरा करने का दावा किया था लेकिन कच्छप गति से किया जा रहा कार्य 15 जून तो क्या तीन जुलाई तक पूरा नहीं हो सका। नदी की धारा मोड़ने का प्रयास बिड़हर घाट से शुरू हुआ और मात्र 200 मीटर तक नदी की खुदाई की जा सकी। इधर, जब नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई तो नदी अपनी धारा को उत्तर की तरफ मोड़ कर एमबीडी बांध तक पहुंच गई।
कटान को रोकने के लिए ठोकर भी नहीं बनाए जा सके हैं और न ही बांध का पिचिंग कार्य पूर्ण हो पाया है। तुर्कवलिया नायक के ग्राम प्रधान वीरेंद्र यादव, चपरा पूर्वी के प्रधान हरिराम यादव, अशरफपुर के प्रधान अजय कुमार, कृष्ण चंद्र, सभापति, अशोक कुमार आदि का कहना है कि बांध के मरम्मत कार्य में की गई लापरवाही इस इलाके के लिए भारी पड़ सकती है। नदी ने कटान करते हुए एमबीडी बांध की तरफ अपना रुख कर लिया है। गांव वालों का कहना है सरकारी धन की बंदरबांट में सिंचाई विभाग के लोग लगे हुए हैं। पिछले वर्ष नदी जब कटान कर रही थी, उस समय बांध का बचना मुश्किल हो गया था। घाघरा नदी जिस तरह उत्तर की दिशा में बढ़ रही है। उससे साफ जाहिर होता है कि नदी इस साल भी बांध पर दबाव बनाएगी। दूसरी तरफ सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सतीश चंद्र का कहना है कि बांध की मरम्मत का कार्य चल रहा है। ठोकर बनाए जा रहे हैं। जल्द ही मरम्मत कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।