विकास कार्यों पर लगा ग्रहण

in #dhanghata2 years ago

इन दिनों नाथनगर ब्लाक उधार के अधिकारियों-कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है । इस स्थिति से ब्लाक क्षेत्र के विकास कार्यों पर ग्रहण लगता जा रहा है। खंड विकास अधिकारी से लगायत ग्राम विकास अधिकारी तक के पदों पर कर्मचारियों का टोटा पड़ा हुआ है। विकास खंड की इस दशा से सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं या तो शिथिल पड़ गई है अथवा दम तोड़ चुकी है। ब्लाक मुख्यालय पर सृजित पदों में सबसे प्रमुख पद खंड विकास अधिकारी का होता है लेकिन नाथनगर विकास खंड पर किसी खंड विकास अधिकारी की तैनाती नहीं है । हैंसर के खंड विकास अधिकारी महाबीर सिंह ही नाथनगर का कार्यभार भी संभाल रहे हैं। जिनकी उपस्थिति सप्ताह में एक या दो दिन ही नाथनगर ब्लाक मुख्यालय पर हो पाती है। इसी प्रकार ब्लाक में एडीओ के 7 पद स्वीकृत हैं जबकि उपलब्धता मात्र 3 की है। एडीओ कोआपरेटिव अशोक वर्मा के पास नाथनगर के अलावा हैंसर और पौली का भी चार्ज है। इस प्रकार इनकी भी उपस्थिति ब्लाक मुख्यालय पर कभी-कभार हो पाती है। एडीओ आईएसबी का चार्ज यहां पर तैनात ग्राम विकास अधिकारी केशव दास संभाल रहे हैं। ऐसे में इनसे गांव के विकास की बात करना ही बेमानी है । यही हाल नाथनगर ब्लाक मुख्यालय पर ग्राम विकास अधिकारियों की भी है जिसमें 10 के सापेक्ष 7 ग्राम विकास अधिकारी विकास कार्यों की कमान संभाल रहे हैं। इसी प्रकार यहां पर 11 के सापेक्ष 6 ग्राम पंचायत अधिकारी तैनात हैं। इनसे भी इनके कार्यों की गुणवत्ता में निखार की अपेक्षा नहीं की जा सकती है । इसी तरह वरिष्ठ लेखाकार के 2 पदों के सापेक्ष एक, कनिष्ठ लेखाकार के एक पद के सापेक्ष शून्य की तैनाती मुख्यालय पर है। नाथनगर ब्लाक पर न तो कनिष्ठ सहायक की नियुक्ति है और न ही पत्रवाहकों की । इसी तरह यहां पर पीएम आवास विभाग में कम्प्यूटर आपरेटर और सहायक लेखाकार के पदों पर कोई नियुक्ति नहीं है। मनरेगा एपीओ के पद पर उधार के एपीओ ऋषि सिंह कार्य कर रहे हैं जिनके उपर हैसर व नाथनगर दोनों का प्रभार है । इस प्रकार देखा जाय तो ब्लाक मुख्यालय पर आधे से अधिक पद खाली चल रहे हैं और जो हैं भी वह भी उधार के रूप में कार्य कर रहे हैं। ब्लाक की यह स्थिति ब्लाक क्षेत्र के विकास कार्यो पर ग्रहण लगाने के लिए काफी है। सरकार की योजनाएं अधिकारियों-कर्मचारियों के अभाव में पात्रों तक पहुंचने के बजाय ब्लाक कार्यालयों में दम तोड़ रही है। ब्लाक मुख्यालय पर आने वाले जरूरतमंदों और वादकारियों को कर्मचारियों के अभाव में कई दिन तक अपने काम के लिए ब्लाक का चक्कर लगाना पड़ता है। क्षेत्रीय लोगों ने शासन-प्रशासन से ब्लाक मुख्यालय पर उधार के अधिकारियों कर्मचारियों के बजाय खाली पदों पर अधिकारियों-कर्मचारियों की नियुक्ति किए जाने की मांग किया है।