अंतर्विरोध के बावजूद सनातन धर्म का कोई विकल्प नहीं है- प्रेम भूषण जी महाराज

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IMG-20221015-WA0005.jpgहरदोई। सनातन समाज में विरोध की परंपरा बहुकाल से चली आ रही है, लेकिन सनातन ही सत्य है और सत्य ही सनातन है। इस तथ्य और इस धर्माचरण की पद्धति का कोई विकल्प नहीं है। हरदोई के द कैम्ब्रिज स्कूल के प्रांगण में आज (शनिवार) से शुरू हुई सप्तदिवसीय श्री राम कथा का प्रारंभ करते हुए व्यासपीठ से प्रेममूर्ति पूज्य श्री प्रेम भूषण जी महाराज ने उक्त बातें कहीं। लगभग सौ देशों के रामभक्तो से जुड़े पूज्य श्री ने कहा - कुछ लोगो ने मुझ से सवाल किया कि दुनिया के अन्य धर्मों में एक भगवान और एक ग्रंथ है, लेकिन हमारे यहां देवी देवता और सदग्रंथो की संख्या अधिक है। ऐसे में हम किसे माने और किसकी पूजा अर्चना करें? उत्तर देते हुए पूज्य श्री ने कहा कि सनातन धर्म दुनिया का पुरातन और विशालतम धर्म है। जहाँ बड़ा परिवार होता है, वहाँ अनेक विकल्प होते हैं। हमारे हर प्रदेश में पूजनीय नदियाँ माँ गंगे,यमुना, कृष्णा, कावेरी, सरस्वती, अलकनन्दा व्यास आदि सभी पूजनीय हैं, और सभी मानव का कल्याण करती हैं। कक्षा 10 में हर विषय की पुस्तकें कम होती हैं, लेकिन जब हम ऊंची कक्षा में जाते हैं, तो पुस्तकों की संख्या भी बढ़ जाती है। सनातन धर्म की व्यापकता ही इसकी विषेशता है। आप की चित्त में जो भी बैठे हैं उन्हें अपना इष्ट मान लें। प्रथम दिन पूज्य श्री ने श्री रामकथा महिमा का वर्णन करने के साथ ही साथ भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह के प्रसंग का गायन किया। कथा के क्रम में उन्होंने कई भजनों का भी गायन किया जिसे सुनकर श्रोतागण झूमने लगे।

कथा की मुख्य यजमान रजनी तिवारी राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश और उनके पूरे परिवार ने व्यासपीठ का पूजन किया। राज्य के चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण ने पंचदीप जलाकर कथा आयोजन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा, सांसद अशोक रावत सहित दर्जनों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।