अमेठी समाचार: गाय के संरक्षण की मांग उठी

in #demand14 days ago

अमेठी 02 सितम्बर: (डेस्क)गौ सांसद राकेश तिवारी ने रविवार को एक प्रतिनिधि मंडल के साथ अमेठी के सांसद किशोरी लाल शर्मा से मुलाकात की। इस बैठक में प्रतिनिधि मंडल ने सांसद को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें गांवों से लेकर शहरों तक निराश्रित गोवंश की समस्या को उठाया गया।

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Imagr credit: Amar ujala

ज्ञापन में यह बताया गया कि निराश्रित गोवंशों की बढ़ती संख्या से लोग परेशान हैं और किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए दिन-रात मेहनत करनी पड़ रही है।

गोवंश की समस्या
अमेठी क्षेत्र में निराश्रित गोवंशों की समस्या गंभीर होती जा रही है। गांवों में गोवंश खुले में घूम रहे हैं, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं। किसानों का कहना है कि वे अपनी मेहनत की फसलें बचाने के लिए लगातार चौकसी कर रहे हैं। ज्ञापन में इस बात का उल्लेख किया गया है कि किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें गोवंशों से सुरक्षा के लिए उचित उपायों की आवश्यकता है।

सांसद की प्रतिक्रिया
सांसद किशोरी लाल शर्मा ने प्रतिनिधि मंडल की समस्याओं को गंभीरता से लिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को उठाएंगे और संबंधित विभागों से बातचीत करेंगे ताकि निराश्रित गोवंशों की समस्या का समाधान किया जा सके। सांसद ने कहा कि यह समस्या केवल किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है।

समाधान के उपाय
प्रतिनिधि मंडल ने सुझाव दिया कि सरकार को निराश्रित गोवंशों के लिए आश्रय स्थल बनाने चाहिए। इसके साथ ही, गोवंशों के संरक्षण और उनके उचित प्रबंधन के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता है। सांसद ने इस सुझाव का स्वागत किया और कहा कि वे इसे संबंधित अधिकारियों के सामने रखेंगे।

किसानों की स्थिति
किसानों का कहना है कि निराश्रित गोवंशों के कारण उनकी मेहनत पर पानी फिर रहा है। फसलें बर्बाद होने से उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो रही है। कई किसानों ने तो यह भी कहा कि वे अब खेती करने में संकोच कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी फसलें सुरक्षित रखने में कठिनाई हो रही है।

निष्कर्ष
अमेठी में निराश्रित गोवंशों की समस्या एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है। सांसद किशोरी लाल शर्मा और गौ सांसद राकेश तिवारी की बैठक इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यदि सरकार इस समस्या का समाधान निकालने में सफल होती है, तो इससे न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि पूरे समाज को भी इस समस्या से निजात मिलेगी।

इस तरह की समस्याओं का समाधान समय पर होना आवश्यक है ताकि किसानों की मेहनत और उनकी फसलें सुरक्षित रह सकें। सांसदों की सक्रियता और उनकी पहल से उम्मीद है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।