शिक्षकों के अनिवार्य तबादले के आदेश को वापस लेने की मांग: जीएसटीए

in #delhi3 months ago

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12 जून, नई दिल्ली : आज दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया की गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ (जीएसटीए) के महासचिव अजय वीर यादव ने इन गाइडलाइन्स के बारे में बताते हुए कहा कि वर्तमान शिक्षा निदेशक महोदय शिक्षकों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। उन्होंने पूर्व में विद्यालय प्रमुखों को दो शिक्षकों के तबादले की पॉवर दी थी, जिसमें शिक्षक के बिना किसी गलती या कारण के विद्यालय प्रमुख अपने नापसंद दो शिक्षकों का तबादला कर सकते थे। इस शर्त को इस बार हटा लिया गया है, जिसका शिक्षक संघ ने स्वागत किया है और शिक्षा निदेशक महोदय को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

अजय वीर यादव ने गाइडलाइन्स के बिंदु न. 16 के तहत, जिसमें दस वर्ष से अधिक एक ही विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को अनिवार्य रूप से तबादले का आवेदन करना होगा, अन्यथा निदेशालय उनका तबादला कहीं भी कर सकता है, पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षक का पद कोई पब्लिक डीलिंग का पद नहीं है, न ही कोई मलाईदार अथवा भ्रष्टाचार योग्य है। इसलिए पूर्व में कभी भी कार्यकाल को तबादले का आधार नहीं बनाया गया है, क्योंकि यह माना जाता है कि लंबे कार्यकाल में शिक्षक बच्चों और अभिभावकों से पूर्णतः उनकी योग्यता, स्वभाव और अध्ययन विधि से परिचित हो जाते हैं। साथ ही, वे विद्यालय के आसपास के वातावरण से भी परिचित हो जाते हैं, जिससे वे हर परिस्थिति में बेहतर शिक्षण कार्य करने में निपुण हो जाते हैं और छात्रों को लाभ मिलता है। दूसरे शब्दों में, यह गुरुकुल पद्धति के अनुरूप लाभदायक सिद्ध होता है।

यादव ने बताया कि दिल्ली की भीड़-भाड़ और भारी जाम के चलते यदि शिक्षकों का इस तरह तबादला किया गया तो वे अपना कीमती समय भीड़-भरे सफर में ही गंवा देंगे और खुशी से शिक्षण कार्य नहीं कर सकेंगे। इसलिए यादव ने पत्र लिखकर शिक्षा निदेशक महोदय से मांग की है कि इस बिंदु को वापस लिया जाए तथा ऑनलाइन प्रक्रिया पर शिक्षा निदेशक महोदय बारीकी से नजर रखें, जिससे कोई गड़बड़ी न होने पाए।

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हाय हाय ये मजबूरी