विज्ञापन का प्रोपगंडा है दिल्ली शिक्षा मॉडल : आदेश गुप्ता

in #delhi2 years ago

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दिल्ली नगर निगम चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने आम आदमी पार्टी को उसके सबसे मजबूत इलाके में घेरा। ठगी के आरोप में जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर के पांचवें लेटर बम के हवाले से दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ विज्ञापनों के जरिए दिल्ली की शिक्षा को प्रचारित किया जा रहा है, जबकि हकीकत में दिल्ली सरकार के 1027 स्कूलों में से 853 स्कूलों में तो प्रिंसिपल ही नहीं है, स्कूलों में स्थायी टीचर्स तक नहीं है।

आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में काउंसलर तक नहीं है। जिन स्कूलों को दुनिया का बेस्ट बताते हैं उन स्कूलों में नियमित टीचर तक नहीं है, बल्कि दिल्ली के स्कूलों में आधे के लगभग गेस्ट टीचर्स बच्चों को पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली के स्कूलों में गणित और साइंस गायब हो गई है। मनीष सिसोदिया गरीबों के बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियर बनने से रोक रहे हैं। आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली शिक्षा में सिर्फ झूठ का प्रोपोगंडा ही रह गया है, जिसमें वो कभी 8 करोड़ रुपये के विज्ञापन न्यूयार्क टाइम्स और खलीज टाइम्स में छपवाते हैं तो कभी सोशल मीडिया पर करोड़ों रुपये खर्च करते हैं। आदेश गुप्ता ने कहा अगर इतना पैसा दिल्ली के स्कूलों में खर्च कर देते तो सचमुच दिल्ली के गरीब बच्चों को भला हो जाता।

गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के एक हज़ार स्कूलों में सिर्फ 500 बिल्डिंग्स है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को दो पालियों में पढ़ाया जा रहा है। केजरीवाल सरकार ने गारंटी दी थी कि वो दिल्ली में 500 नई स्कूलों की बिल्डिंग देंगे, लेकिन पिछले 8 सालों में बच्चों को स्कूल की बिल्डिंग्स तक नहीं मिली है। पहली पाली के बच्चे सर्दियों में सुबह जल्दी जाते हैं और दोपहर की पाली वाले बच्चे देर शाम तक अंधेरे में घर आते हैं। इस तरह की पढ़ाई को दिल्ली की केजरीवाल सरकार अपने विज्ञापनों में बेस्ट बताती है।

गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, जोकि शराब घोटाले में आरोपी नंबर वन है, उन्होंने गरीब बच्चों से प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का हक अमीरों को बेच दिया है। दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों में 18 हज़ार ईडब्लूएस की सीटें खाली पड़ी हुई है। गरीबों का एडमिशन प्राइवेट स्कूलों में नहीं हो पा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री बताएं कि क्यों प्राइवेट स्कूलों में 18 हज़ार सीटें खाली पड़ी हैं।