प्रदूषण से निबटने में आप सरकार विफल : विजेंद्र
20 जुलाई, नई दिल्ली : हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के हिस्से के रूप में केंद्र से प्राप्त कुल निधि का 70% से अधिक हिस्सा दिल्ली में अप्रयुक्त पड़ा हुआ है। इस पर दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आप सरकार दिल्ली में प्रदूषण संकट को संबोधित करने में पूर्ण रूप से विफल रही है।
गुप्ता के अनुसार रिपोर्ट में यह उजागर किया गया है कि दिल्ली सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है, इसके बावजूद एनसीएपी के तहत अधिकांश निधि को दहन-आधारित पीएम 2.5 प्रदूषकों से लड़ने के बजाए धूल नियंत्रण उपायों पर आवंटित किया गया है।
गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार की अक्षमता स्पष्ट है क्योंकि उन्होंने स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने के बजाय लगातार पड़ोसी राज्यों को दोषी ठहराया है। प्रदूषण स्तर इतने गंभीर हो गए हैं कि शहर रहने योग्य नहीं रहा है।
गुप्ता ने कहा कि यदि दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रदान की गई निधियों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया होता, तो केंद्रीय सरकार का 2025 तक प्रदूषण में कम से कम 40% की कमी लाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता था। इससे दिल्ली के निवासियों में बीमारियाँ कम होतीं और वे अधिक स्वस्थ रहते।
गुप्ता ने जोर देकर कहा कि केजरीवाल सरकार जनता के स्वास्थ्य के प्रति उदासीन प्रतीत होती है और केवल राजनीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली कई संकटों का सामना कर रही है, जिनमें पेयजल की कमी, बारिश से जलभराव, यातायात जाम, समय पर चेतावनी के बावजूद मुनक नहर बैराज का उल्लंघन, दिल्ली जल बोर्ड में 72,000 करोड़ रुपये का घाटा, डीटीसी बस खरीद में करोड़ों का भ्रष्टाचार, और शराब घोटाला जिसमें मुख्यमंत्री और उनके मंत्री शामिल हैं और जेल में हैं।