सीजेआई रमन्ना का विदेशी धरती पर छलका दर्द

in #delhi2 years ago

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने देश की राजनीतिक दलों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि खासकर विपक्षी दल यह उम्मीद करते हैं कि न्यायिक प्रक्रिया उनका समर्थन करेगी और उनके हिसाब से काम करेगी। सीजेआई का बयान उस समय आया है जब हाल ही में महाराष्ट्र सियासी संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, जिसमें फ्लोर टेस्ट न कराने की मांग को खारिज कर दिया गया था। यह फैसला तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ था।

जिसके बाद तमाम विपक्षी दलों ने कोर्ट के इस फैसले पर आलोचना की थी। सीजेआई ने आगे कहा कि देश ने अभी भी संविधान की ओर से हर संस्थान को सौंपी गई भूमिकाओं को सही से निभाना नहीं सीखा है। सीजेआई रमन्ना ने यह बात सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ इंडियन अमेरिकन्स की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा।

सीजेआई रमन्ना ने कहा कि देश इस साल अपना 75वां स्वतंत्रता वर्ष का जश्न मनाने जा रहा है और देश को गणतंत्र हुए 72 साल हो गए। लेकिन मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि संविधान ने प्रत्येक संस्था को जो जिम्मेदारी और भूमिका सौंपी है, उसकी सराहना करना नहीं सीखा है।

न्यायपालिका संविधान के प्रति जवाबदेह है

सीजेआई ने राजनीतिक पार्टियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ सत्ताधारी पार्टी का मानना है कि सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हकदार है। तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों का मानना है कि न्यायपालिक उनके राजनीतिक मुद्दों को आगे बढ़ाएगी। जबकि न्यायपालिका केवल संविधान के प्रति जवाबदेह है।

संस्थाओं के बारे में जागरूकता की जरूरत

सीजेआई रमन्ना ने कहा कि हमें व्यक्तियों और संस्थाओं की सभी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी की भागीदारी है। लंबे समय से बनी इस तरह की नींव को बाधित नहीं किया जा सकता है। सीजेआई ने आगे कहा कि पूरी दुनिया में सरकार बदलने के साथ नीतियां जरूर बदलती हैं लेकिन कोई भी समझदार, परिपक्व और देशभक्त सरकार नीतियों में इस तरह से बदलाव नहीं करेगी। जो अपने ही क्षेत्र के विकास में बाधा पहुंचाना शुरू कर दे।

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