विश्वास का दंभ और टल्ली संपादक: पिटने से बचे कुमार
आप पार्टी के स्टेडियम में आजकल खारिज होती जा रही गेंद की तरह कुमार विश्वास पर संकट का रेला लगातार बढ़ता जा रहा है। कुछ नया न लिख पाने की पीड़ा भोग रहे विश्वास को आज फिर एक जोरदार टक्कर मिल गयी। खबर है कि एक बड़ी पार्टी में डॉ कुमार विश्वास को एक पत्रकार ने सरेआम उन्हें ललुहाया और उनके व्यक्तित्व से लेकर उनके कृतित्व तक को बुरी तरह झाड़ डाला। नौबत तो मारपीट तक की पहुंच चुकी थी, लेकिन अचानक डॉ विश्वास ने इस टल्ली पत्रकार के मुंह लगने से बचना ही उचित समझा और पतली गली से निकल गये। फिलहाल तो इस खबर को दबाने की कोशिशें चल रही हैं।
हाल ही दिल्ली के पत्रकार और टीवी चैनल छोड़ कर लेखन में हाथ साफ कर रहे एक बड़े संपादक की दो किताबें मार्केट में आयीं। यह पहला मौका था, जब किसी पत्रकार ने अपनी दो पुस्तकों का लोकार्पण एकसाथ कराया था। इन दोनों ही पुस्तकों में इस पत्रकार ने अपनी रिपोर्टर की जिन्दगी में देखे, समझे, भोगे और सूंघे माहौल का विशद वृतांत दर्ज किया बताया जाता है। इस लोकार्पण समारोह में बड़े-बड़े लोग मौजूद हुए बताये जाते हैं।
कहने की जरूरत नहीं कि इस समारोह को जोरदार सफलता मिली और इससे उत्साहित इस पत्रकार ने अपने मित्रों-शुभेच्छुओं को एक कॉकटेल पार्टी में आमंत्रित किया। यह कॉकटेल पार्टी दिल्ली के बीएसएफ के मेस में आयोजित की गयी थी। भारी गहमागहमी हुई। दारू के बेहासाब सुनामी उछले, गिरें। ज्यादातर तो इस पार्टी में बेतरह टल्ली हो गये। इतना कि कई लोगों को हाथ को हाथ नहीं सुझा रहा था।
बताते हैं कि इसी पार्टी की एक मेज पर डॉ कुमार विश्वास सहित कई पत्रकार और कुछ अफसर भी मौजूद थे। इन अफसरों में यूपी के प्रमुख सचिव ( सूचना) अवनीश अवस्थी भी मौजूद थे। पार्टी रौनक तक पहुंच चुकी थी। लेकिन काफी देर से कुमार विश्वास और अवनीश अवस्थी लगातार एक-दूसरे के साथ गुफ्तगू में मशगूल थे। वहां मौजूद लोग इन दोनों के रवैयों पर चुटकियां लेने लगे। कहीं, हो-हल्ला के तौर पर तो कहीं कानाफूंसी के तौर पर।
अचानक एक बड़े अखबार के एक प्रमुख एडीशन के सम्पादक ने एक अन्य पत्रकार का परिचय कुमार विश्वास से कराने की कोशिश की, लेकिन प्रमुख सचिव से बातचीत में जुटे कुमार विश्वास ने उस पत्रकार को कोई तवज्जो ही नहीं दिया। इस पर उस सम्पादक ने एक बार फिर कुमार विश्वास को टहोगा और उस पत्रकार से परिचय कराने और उससे बातचीत करने का आग्रह किया। मगर सूत्र बताते हैं कि कुमार विश्वास ने इस सम्पादक को घास ही नहीं डाली और हिकारत की निगाह में उस पर फेंकी। बताते हैं कि यह सम्पादक मध्य और उत्तर भारत के एक बड़े समाचारपत्र समूह के एक बड़े संस्करण का सम्पादक है, जिस समूह ने खबरों की मशाल और के उजाला को विस्तार देने का खम्भा थाम रखा है।
तो पहले तो उपेक्षा, और उस पर तुर्रा यह कि टल्ली हो चुका सम्पादक। यह सहन नहीं हो पाया, इस सम्पादक से। उसने जोर-शोर से कुमार विश्वास को गियर पर डाला और जितना भी गुस्सा हो सकता था, निकालना शुरू कर दिया। पहले तो पूरा माहौल सहम गया, लेकिन जब पूरा माजरा समझा तो लोग मुस्कुराने लगे। कुछ लोग कुमार विश्वास की दयनीय हालत पर, तो बाकी लोग टल्ली सम्पादक की शैली पर। बताते हैं कि इस सम्पादक ने कुमार विश्वास के मुंह पर यहां तक ऐलान कर दिया कि तुम चोरी की कविताएं अपने नाम से छपवाते हो, और देश में अपने आप को बड़ा कवि साबित करते हुए पाखंड करते हो। इतना ही नहीं, उससे भी दर्जनों, सैकड़ों और हजारों गुना भी ज्यादा।
बताते हैं कि मामला गड़बड़ होते देख लोगों ने बीच-बचाव कराना शुरू कर दिया। मगर इसके पहले ही पहले तो प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी इस महफिल में से धीरे से खिसक लिये, फिर धीरे-धीरे कुमार विश्वास भी निकल गये। सूत्र बताते हैं कि अगर बीच-बचाव नहीं हुआ होता, तो नशे में टल्ली इस सम्पादक कुमार विश्वास से हाथापाई करने तक तैयार हो चुका था।
Good sir