दिल्ली के किसानों को मिलने लगे बिजली काटने के मेसेज, प्रदूषण के नाम पर कार्रवाई

in #delhi2 years ago (edited)

दिल्ली में यमुना किनारे खेती करने वाले किसानों की समस्या बढ़ने वाली है। यहां फल-सब्जियों, फूल और दूसरी कई तरह की ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को पानी का संकट हो सकता है। दरअसल दिल्ली के पल्ला, बख्तावरपुर, सुंगरपुर, हिरणकी, रमजानपुर समेत आसपास के इलाकों में यमुना किनारे के खेतों में सिंचाई के लिए किसान ट्यूबवेल का इस्तेमाल करते हैं। इसे लेकर अब टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (एनडीपीएल) की ओर से ट्यूबवेल से बिजली का कनेक्शन काटने का मेसेज किसानों को भेजा जा रहा है।

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इससे किसानों में दहशत है। किसानों का कहना है कि लगातार दो साल से सरकार और बिजली विभाग उन्हें परेशान कर रही है। पिछले साल भी कई किसानों के ट्यूबवेल के कनेक्शन काट दिए गए थे, लेकिन बाद में फिर से कनेक्शन जोड़ दिए गए। अब एक बार फिर से किसानों को बिजली काटने के मेसेज दिए जा रहे हैं।

एनडीपीएल की तरफ से कहा जा रहा है कि साल-2019 में एसडीएम, अलीपुर की तरफ से मिले एक ऑर्डर के अनुसार कनेक्शन काटे जाने के मेसेज और नोटिस किसानों को भेजे जा रहे हैं।

एसडीएम के 2019 के ऑर्डर की कॉपी में इस बात का जिक्र है कि एनजीटी ने जनवरी-2015 में एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि यमुना का पानी दूषित हो रहा है। ऐसे में यहां उगाए जाने वाले फल-सब्जियों और अनाज में हानिकारक तत्व पहुंच सकते हैं, जिसे खाने से लोग बीमार हो सकते हैं। लिहाजा यहां पर खेती पर रोक लगाई जा रही है। किसानों के बिजली कनेक्शन काटने का निर्देश दिया गया।

दूसरी तरफ, किसानों का कहना है कि यह किसानों को गुमराह और परेशान करने के अलावा और कुछ नहीं है। भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष और स्थानीय किसान रघुनंदन चौहान ने बताया कि एनजीटी ने कभी भी यह नहीं कहा कि यमुना किनारे उगाई जाने वाली सभी फसलें हानिकारक हैं। एक आदेश में यमुना के कुछ हिस्सों के लिए ऐसा आदेश जारी किया गया था।