मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन को राहत, हिरासत अवधि बढ़ाने से कोर्ट का इनकार

in #delhi2 years ago

अदालत ने कहा कि कि अस्पताल में भर्ती होने के कारण हिरासत में होने के बावजूद उन्हें न तो पेश किया गया और न ही वो एक बार भी अदालत पहुंचे। इसलिए हिरासत अवधि को बढ़ाने के बजाय उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया जाए।
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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की न्यायिक हिरासत की अवधि को बढ़ाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि कि अस्पताल में भर्ती होने के कारण हिरासत में होने के बावजूद उन्हें न तो पेश किया गया और न ही वो एक बार भी अदालत पहुंचे। इसलिए जैन की हिरासत अवधि को बढ़ाने के बजाय विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय से उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने को कहा है।

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी ने जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया था। इससे पहले अप्रैल महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की थी। इसमें अकिंचन डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल थीं।

जैन पर कथित आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियों को लॉन्च किया या खरीदा था। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को भी सफेद किया था। जैन के पास प्रयास, इंडो और अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2015 में केजरीवाल सरकार में मंत्री बनने के बाद जैन के सभी शेयर उनकी पत्नी के नाम कर दिए गए थे।

मामला सामने आने पर गिरफ्तारी के बाद जब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के कागजात दिखाकर जैन से सवाल पूछे तो उन्होंने कोरोना के कारण याददाश्त चले जाने का दावा कर दिया। ईडी ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ही अदालत को यह बात बताई थी।