दिल्ली के जहांगीरपुरी के रहने वाले मयंक सोनकर ने रोशन किया भारत का नाम

in #delhi2 years ago

IMG-20220614-WA0004.jpgदिल्ली के जहांगीरपुरी के रहने वाले मयंक सोनकर ने रोशन किया भारत का नाम. यूरोप के स्लोवेनिया में आयोजित फिटनेस बॉडीबिल्डिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपने माता-पिता और पूरे देश का नाम रौशन किया. स्थानीय लोगों ने फूल माला पहना कर किया स्वागत.खिलाड़ी मयंक सोनकर का कहना अपने देश के लिए इसी तरीके से करते रहेंगे मेहनत. हर फिटनेस और बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने का है लक्ष्य.

राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके के रहने वाले मयंक सोनकर ने ना सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है . देश की राजधानी दिल्ली के विधासभा आदर्श नगर इलाके में रहने वाले मयंक ने यूरोप के स्लोवेनिया में भी भारत का परचम लहराया और अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर सभी का दिल जीत लिया .यूरोप के ' स्लोवेनिया देश ' में 4 जून को आयोजित अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर न सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर दिया है मयंक सोनकर ने यूरोप सहित 28 देशों के खिलाड़ियों को हराकर गोल्ड मेडल यानी कोच पोजीशन हासिल की है और भारत देश का नाम पूरे विश्व में सबसे ऊपर कर दिया.अपने गुरु - सुनील लोचाब के मार्गदर्शन में मयंक सोनकर ने ये गोल्ड मेडल भारत के नाम किया'.मयंक ने MR• फिटनेस मॉडल कैटेगरी में भारत को रिप्रेजेंट किया. मयंक ने अपने लक्ष्य तक पहुंचने पर ध्यान दिया और उसकी कड़ी मेहनत और लगन का यह नतीजा निकला कि आज वह देश के लिए यूरोप में भी गोल्ड मेडल जीतकर लाया है इसके बाद से ही इलाके के लोग हर्षित को उठे और मयंक का फूल माला पहनाकर स्वागत किया.
और इवेंट के प्रेसिडेंट ने मयंक और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को मेडल जीतने पर मुबराक दी. पिछले 5 सालों से मयंक लगातार इस मुकाम को हासिल करने के लिए मेहनत कर रहे हैं बिना किसी प्रोटीन सप्लीमेंट के प्राकृतिक फल सब्जियों का सेवन करके ही उन्होंने आज इस लक्ष्य को हासिल किया है और उनका कहना है कि जो भी युवा फिटनेस के क्षेत्र में मेहनत कर रहा है उसे सप्लीमेंट और अन्य प्रकार के स्क्वायड से बचना चाहिए मयंक ने बताया कि उन्होंने इसीलिए फिटनेस को चुना और बॉडी बिल्डिंग को नहीं क्योंकि बॉडी बिल्डिंग में ऐस्ट्रोराईड लेने की जरूरत पड़ती है और वह प्राकृतिक चीजों का ही सेवन करके यहां तक पहुंचना चाहते थे मयंक ने बताया कि आने वाले हर वर्ल्ड चैंपियनशिप में वर्क गोल्ड लाने का लक्ष्य लेकर अपने शरीर पर मेहनत कर रहे हैं साथ ही उनका कहना है कि मौजूदा वक्त में सरकार की तरफ से ऐसे खिलाड़ियों को इसी प्रकार की सहायता नहीं मिलती लेकिन उन्हें उम्मीद है कि देश की सरकारें इस दिशा में भी सोचेंगे और फिटनेस के क्षेत्र में जो लोग अपना भविष्य बनाना चाहते हैं उनकी तरफ भी सरकारी सहायता देने पर ध्यान दिया जाएगा.

मयंक 2019 में भी यूक्रेन में खेले गए फिटनेस वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड जीत चुके हैं और अब यूरोप के स्लोवेनिया में एक बार फिर से मयंक ने अपने देश का परचम लहराया और आगे आने लक्ष्य के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं .