धन से बढ़कर हैं ये तीन चीजें, खो देने पर वापस पाना होता है मुश्किल

in #delhi2 years ago

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में धन को लेकर एक महत्वपूर्ण नीति बताई है। हर व्यक्ति के जीवन में धन का विशेष महत्व होता है। पैसों से वह अपनी जरूरतों के साथ शौक भी पूरे कर सकता है। लेकिन व्यक्ति में जब पैसों का घमंड आ जाए तो वह अर्श से फर्श तक भी ला सकता है। चाणक्य कहते हैं कि पैसा हाथ से जाने पर दोबारा कमाया जा सकता है, लेकिन धन कमाने के चक्कर में अगर तीन चीजें खो जाएं तो उन्हें दोबारा नहीं कमाया मुश्किल होता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, जानें पैसों से बढ़कर कौन-सी हैं तीन चीजें-8cb67436ff3ce3f454830f1dcff868b536aaf8b9ff46bd169e2c6c2a26e91393.0.WEBP

स्वाभिमान- स्वाभिमान से व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहचान होती है। धन गंवाने पर व्यक्ति उसे दोबारा कमा सकता है, लेकिन स्वाभिमान दोबारा कमाना मुश्किल होता है। अगर आत्मसम्मान के लिए किसी व्यक्ति को पैसों का त्याग करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए।

धर्म- धर्म से हमेशा ऊपर धन होता है। धर्म के जरिए व्यक्ति सही गलत में भेद समझता है। चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति ने धन कमाने के चक्कर में धर्म का त्याग कर दिया, उसका समाज में मान-सम्मान कम होता जाता है। इसलिए पैसों से बढ़कर धर्म है, उसका सदैव सम्मान करना चाहिए।

प्रेम-चाणक्य का मानना है कि पैसों से प्रेम को नहीं खरीदा जा सकता है। इसलिए रिश्तों को सहेज कर रखना चाहिए। परिवार व अपनों के सामने पैसों का कोई मूल्य नहीं होता है। चाणक्य नीति के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति धनवान है लेकिन उससे कोई प्रेम नहीं करता तो उसका धनी होना व्यर्थ है।

Sort:  

Ok

Good