क्यों AAP की मान्यता रद्द करने की उठी मांग, केजरीवाल पर क्या आरोप

in #delhi2 years ago

गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ 56 पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग से शिकायत की है। गुजरात के राजकोट में पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गई बातों को लेकर यह शिकायत की गई है। पूर्व नौकरशाहों ने कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए 'आप' की मान्यता रद्द करने की मांग की है। आखिर केजरीवाल ने ऐसा क्या कह दिया और उनपर किन नियमों के उल्लंघन का आरोप है, आइए आपको समझाते हैं पूरी बात।

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दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में कई राज्य कर्मचारियों से पार्टी के लिए काम करने की अपील की थी। पुलिसकर्मियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्टेट ट्रांसपोर्ट के ड्राइवर्स और कंडक्टर्स से पार्टी के लिए प्रचार करने को कहा था। केजरीवाल ने कहा, ''हर बस में हर ड्राइवर और कंडक्टर को सवारियों से कहना है कि इस बार झाड़ू का बटन दबाना है। मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि आपके एहसान के बदले एक महीने के भीतर आपकी सारी डिमांड पूरी करेंगे।'' केजरीवाल ने पुलिस कर्मियों से कहा कि आपकी ग्रेड पे पूरी नहीं की गई है, सिर्फ भत्ता बढ़ाया गया है। इसके लिए सरकार ने एफिडेविट भरने को कहा है कि प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, ''मैं सभी पुलिसकर्मियों से कहना चाहता हूं कि कोई भी इस पर साइन मत करना। अंदर खाने जैसे आप आम आदमी पार्टी का प्रचार कर रहे हो, करते रहो, जमकर प्रचार करो।''
56 पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को लिखे लेटर में कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने सरकारी कर्मचारियों से उनकी पार्टी के लिए काम करने को कहा है, जोकि आचार संहिता का उल्लंघन है। कर्नाटक के पूर्व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मदन गोपाल ने इसे इलेक्शन सिंबल (रिजर्वेशन एंड अलॉटमेंट) की धारा 16A का उल्लंघन बताया। वह कहते हैं, ''उन्होंने (केजरीवाल) जो कुछ भी राजकोट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा वह बहुत गलत था। संविधान में विश्वास करने वाले लोग परेशान हुए। एक राज्य के मुख्यमंत्री से इस तरह के असंतुलित और विवादित बयान की उम्मीद नहीं की जाती। पूर्व नौकरशाह ने कहा, ''प्रचार करना उनका अधिकार है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के ड्राइवर, कंटक्टर और पुलिसकर्मियों से एक पार्टी के लिए काम करने की अपील करना गलत है। सरकारी कर्मचारियों किसी राजनीतिक दल के लिए काम नहीं कर सकते हैं। हमारे पास आचार संहिता है और हमारी निष्ठा भारत के संविधान के साथ है। यह प्रथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए ठीक नहीं है।

जिन पूर्व नौकरशाहों ने केजरीवाल के खिलाफ चुनाव आयोग को खत लिखा है, उनमें रिटायर्ट आईएएस ऑफिसर एम मदन गोपाल (कर्नाटक के पूर्व एसीएस), आनंद बोस (केरल के पूर्व सीएस), आरडी कपूर (पूर्व खाद्य और वितरण सचिव, भारत सरकार), सौरभ चंद्र (पूर्व पेट्रोलियम सचिव), के श्रीधर राव (पूर्व चीफ सेक्रेटरी, सिक्किम), सीएस खैरवाल (पूर्व सीएस पुडुचेरी) और निरंजन देशाई (पूर्व राजदूत) शामिल हैं।

पूर्व नौकरशाहों ने इलेक्शन सिंबल (रिजर्वेशन एंड एलॉटमेंट) ऑर्डर, 1968 के पैरा 16A का हवाला देते हुए 'आप' की मान्यता रद्द करने की मांग की है। यह कानून चुनाव आयोग को किसी राजनीतिक दल के मान्यता को निलंबित करने या वापस लेने की शक्ति देता है, यदि वह दल आचार संहिता या चुनाव आयोग के निर्देशों के पालन में असफल पाया जाता है।

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