सतेंद्र जैन को मंत्री पद से हटाने के लिए दिल्ली HC में याचिका

in #delhi2 years ago

मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी दिल्ली सरकार के मंत्री सतेंद्र जैन (Satyendar Jain) फिलहाल जेल में बंद हैं. अब उन्हें पद से हटाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर की गई है.

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दिल्ली सरकार में मंत्री सतेंद्र जैन (Satyendar Jain) को पद से हटाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दाखिल हुई है. याचिका में कहा गया है कि ईडी से पूछताछ के दौरान कैबिनेट मंत्री सतेन्द्र जैन ने खुद माना है कि वो कोविड का शिकार होने के बाद अपनी याददाश्त खो चुके हैं. इसकी जानकारी ASG एस वी राजू ने राउज एवेन्यू कोर्ट को भी दी है. लिहाजा नियमों के मुताबिक अस्वस्थ मस्तिष्क के चलते वो विधायसभा के सदस्य बने रहने के अधिकारी नहीं हैं.

आशीष श्रीवास्तव नाम के व्यक्ति की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के शकूर बस्ती इलाके से विधायक सतेन्द्र जैन (Satyendar Jain) को दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद मिला हुआ है. ये जिम्मेदारी भरा पद है. मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के दौरान ED के ज़्यादातर सवालों के जवाब उन्होंने नहीं दिए. उनका कहना है कि कोविड का शिकार होने के बाद वो अपनी याददाश्त खो चुके है. राऊज एवेन्यु कोर्ट में सुनवाई के दौरान ASG एसवी राजू ने ये जानकारी कोर्ट के सामने रखी है.

याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 191(1)(बी) के तहत अस्वस्थ मस्तिष्क का शख्स विधानसभा का सदस्य नहीं बना रह सकता. लिहाजा उन्हें पद पर बरकरार रखकर दिल्ली सरकार नियमों का उल्लंघन कर रही है.

याचिका में ये भी मांग की गई है कि सतेन्द्र जैन (Satyendar Jain) ने कोविड का शिकार होने के बाद जो भी अहम फैसले लिए हैं, उन्हें रद्द किया जाए. केन्द्र सरकार सतेंद्र जैन की मानसिक हालत का आकलन करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करें. दिल्ली हाईकोर्ट इस अर्जी पर 16 अगस्त को सुनवाई कर सकता है.

सतेन्द्र जैन (Satyendar Jain) को 30 मई को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. पिछले दिनों ED ने सतेन्द्र जैन, उनकी पत्नी किरण जैन समेत 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. इनमे चार कम्पनी भी शामिल है. सतेन्द्र जैन ने पहले खराब सेहत का हवाला देकर कोर्ट से जमानत की मांग की थी, लेकिन पिछले हफ्ते अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद स्वास्थ्य आधार पर दाखिल की गई जमानत अर्जी को वापस ले लिया था.