अंतरराष्ट्रीय फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़, अमेरिकी लोगों को ठगने वाले 32 गिरफ्तार

in #delhi2 years ago

मुख्य आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के नोएडा के आरजी रेजीडेंसी के मोहित खन्ना हरियाणा के झज्जर जिले की बेरी तहसील के बहाना गांव क भूपिंदर सिंह तिलक नगर के राहुल मखीजा पीतमपुरा के शुभम के रूप में हुई है। ये फर्जी काल सेंटर का संचालन करते थे। बाहरी जिले की साइबर थाना पुलिस ने माइक्रोसाफ्ट सपोर्ट के नाम पर अमेरिका के लोगों को ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस दौरान सरगना समेत 32 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के नोएडा के आरजी रेजीडेंसी के मोहित खन्ना, हरियाणा के झज्जर जिले की बेरी तहसील के बहाना गांव क भूपिंदर सिंह, तिलक नगर के राहुल मखीजा, पीतमपुरा के शुभम के रूप में हुई है। ये फर्जी काल सेंटर का संचालन करते थे व 28 टेलीकालर्स इनका लोगों को ठगते में साथ देते थे। आरोपितों के पास से 29 मोबाइल, 25 हार्ड डिस्क, दो लैपटाप बरामद किए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी व अवैध काल सेंटरों पर रोक लगाने के लिए एसीपी अरुण चौधरी व साइबर थाने के एसएचओ संदीप पंवार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है। टीम को पता लगा कि रानी बाग इलाके में अवैध रूप से काल सेंटर चलाया जा रहा है। आरोपित माक्रोसाफ्ट सपोर्ट का अधिकारी बनकर अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करते हैं और उनको ठगते हैं। इसके बाद रानी बाग इलाके के इंजीनियर्स एनक्लेव में छापेमारी की गई। मौके पर कंप्यूटर की जांच करने पर पता चला कि आरोपित अवैध तकनीकों जैसे वीओआइपी कालिंग आदि का इस्तेमाल कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा रहे थे और खुद मुनाफा कमा रहे थे। कंप्यूटर सिस्टम की जांच करने पर यह पाया गया कि वे अल्ट्राव्यूअर, टीमव्यूअर और एनीडेस्क जैसे रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन का भी उपयोग कर रहे थे। इसके बाद मामला दर्ज कर 32 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के दौरान पता लगा कि मोहित खन्ना, भूपिंदर सिंह, राहुल मखीजा व शुभम मुख्य आरोपित हैं और 28 टेलीकालर।
Delhi Crime: अंतरराष्ट्रीय फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़, अमेरिकी लोगों को ठगने वाले 32 गिरफ्तार
मुख्य आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के नोएडा के आरजी रेजीडेंसी के मोहित खन्ना हरियाणा के झज्जर जिले की बेरी तहसील के बहाना गांव क भूपिंदर सिंह तिलक नगर के राहुल मखीजा पीतमपुरा के शुभम के रूप में हुई है। ये फर्जी काल सेंटर का संचालन करते थे।

नई दिल्ली बाहरी जिले की साइबर थाना पुलिस ने माइक्रोसाफ्ट सपोर्ट के नाम पर अमेरिका के लोगों को ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस दौरान सरगना समेत 32 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के नोएडा के आरजी रेजीडेंसी के मोहित खन्ना, हरियाणा के झज्जर जिले की बेरी तहसील के बहाना गांव क भूपिंदर सिंह, तिलक नगर के राहुल मखीजा, पीतमपुरा के शुभम के रूप में हुई है। ये फर्जी काल सेंटर का संचालन करते थे व 28 टेलीकालर्स इनका लोगों को ठगते में साथ देते थे। आरोपितों के पास से 29 मोबाइल, 25 हार्ड डिस्क, दो लैपटाप बरामद किए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर कर रही है।

बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी व अवैध काल सेंटरों पर रोक लगाने के लिए एसीपी अरुण चौधरी व साइबर थाने के एसएचओ संदीप पंवार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है। टीम को पता लगा कि रानी बाग इलाके में अवैध रूप से काल सेंटर चलाया जा रहा है। आरोपित माक्रोसाफ्ट सपोर्ट का अधिकारी बनकर अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करते हैं और उनको ठगते हैं। इसके बाद रानी बाग इलाके के इंजीनियर्स एनक्लेव में छापेमारी की गई

मौके पर कंप्यूटर की जांच करने पर पता चला कि आरोपित अवैध तकनीकों जैसे वीओआइपी कालिंग आदि का इस्तेमाल कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा रहे थे और खुद मुनाफा कमा रहे थे। कंप्यूटर सिस्टम की जांच करने पर यह पाया गया कि वे अल्ट्राव्यूअर, टीमव्यूअर और एनीडेस्क जैसे रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन का भी उपयोग कर रहे थे। इसके बाद मामला दर्ज कर 32 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के दौरान पता लगा कि मोहित खन्ना, भूपिंदर सिंह, राहुल मखीजा व शुभम मुख्य आरोपित हैं और 28 टेलीकालर।

पूछताछ के दौरान पता लगा कि कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल करने की वजह से शुभम को कंप्यूटर व काल सेंटर की अच्छी जानकारी है। वह पहले बीपीओ में भी काम करता था। वहीं मोहित वर्ष 2004 से काल सेंटरों में काम कर रहा है। दोनों ने मिलकर खुद का काल सेंटर शुरू करने की योजना बनाई थी। आरोपित पहले अमेरिकी लोगों को उनके कंप्यूटर सिस्टम, लैपटाप आदि में खराबी होने की झूठी बात कहते थे। फिर उनकी समस्या को हल करने के बहाने एनीडेस्क जैसी एप्लिकेशन के माध्यम से उनके कंप्यूटर सिस्टम को रिमोट एक्सेस पर ले लेते थे। उपहार कार्ड से बिटकाइन में करते थे निवेश

इसके अलावा वह अमेरिकी लोगों को उनसे उपहार कार्ड खरीदने के लिए भी कहते थे। बाद में उस उपहार कार्ड के नंबर को टेलीग्राम ग्रुप पर भेज दिया जाता था। इसके बाद आरोपितों के अन्य साथी उन उपहार कार्डों का उपयोग क्रिप्टो मुद्रा मुख्य रूप से बिटकाइन खरीदने के लिए करते थे। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपित अब तक कितना पैसा बिटकाइन में निवेश कर चुके हैं।04_06_2022-delhi-crime_22773452.jpg