MBBS में दाखिला दिलाने के नाम पर 20 लाख की ठगी, क्राइम ब्रांच ने मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया

in #delhi2 years ago

IMG-20220627-WA0043.jpgसरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी के मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक गिरोह के मास्टरमाइंड सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है दरअसल कुछ दिनों पहले दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल स्कूल में एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने के नाम पर छात्र से 20 लाख रुपए ठग लिए डीसीपी राजेश देव के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान विकास पारस उर्फ आशीष जयसवाल के रूप में की गई है आरोपी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर का रहने वाला बताया जा रहा है और वह अपने परिवार के साथ दिल्ली के मालवीय नगर के शेख सराय में रह रहा था उसने उत्तराखंड के किस विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी भी की है

डीसीपी राजेश देव ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 30 मई को धारा 420/34 आईपीसी के तहत क्राइम ब्रांच में एक मामला दर्ज किया गया था जिसमें शिकायतकर्ता इंदर कुमार राय ने बताया कि वह एक सरकारी स्कूल में विज्ञान के शिक्षक हैं उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उनका बेटा शिवम राय नीट परीक्षा 2019-20 में शामिल हुआ था लेकिन कम अंक आने के कारण उसे एमबीबीएस में एडमिशन नहीं मिला दिसंबर 2020 के महीने में वह एक आशीष जायसवाल रोहन सिंह और रोहित के संपर्क में आया उन्होंने उसे अपने बेटों को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली में एडमिशन दिलाने का आश्वासन दिया नॉमिनी कोटा सरकार के कोटे से एडमिशन दिलाने का आश्वासन दिया और उसकी एवज में 20 लाख रूपए भी लिए बाद में शिकायतकर्ता को अस्वस्थ कराने के लिए उन्होंने शिकायतकर्ता और उसके बेटे को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के लैंडलाइन नंबरों से कॉल किया था कि शिकायतकर्ता को शक ना हो इतना ही नहीं आरोपियों ने भारतीय चिकित्सा परिषद की आधिकारिक मेल आईडी से भी शिकायतकर्ता को मेल भी भेजे जिसके बाद शिकायतकर्ता अस्वस्थ हो गए और उन्होंने आशीष आशीष जैस्वाल के आईसीआईसीआई बैंक के खाते में 20 लाख रुपए भेजे हालांकि पैसे लेने के बाद के से ही उसका फोन बंद हो गया और वह अंडरग्राउंड हो गया इस संबंध में क्राइम ब्रांच सनलाइट कॉलोनी में मामला दर्ज किया गया आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एसीपी ने इंस्पेक्टर दिलीप कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया जिसमें एसआई राजेश बमल, एसआई सुरेश कुमार, एएसआई वीर सिंह, एएसआई विजय कुमार, कॉन्स्टेबल प्यार सिंह को शामिल किया गया टीम ने जांच करते हुए तकनीकी निगरानी रखी जाट के दौरान पता चला कि मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के लैंडलाइन नंबर ऑफ से की गई कॉल स्पूफिंग का नतीजा थी ईमेल स्पूफिंग के जरिए जनरेट किया गया था खाते का न केवल नकली था बल्कि पता नहीं चल रहा था हालांकि तकनीकी निगरानी और गुप्त सूत्रों के आधार पर टीम ने आरोपी विकास उर्फ आशीष जयसवाल के ठिकाने का पता लगाने में सफलता हासिल की

IMG-20220627-WA0043.jpgजिसके बाद क्राइम ब्रांच ने मालवीय नगर के शेख सराय में छापेमारी कर उसे दबोच लिया पूछताछ में पता चला कि उसका असली नाम विकास पारस है और वह कानपुर यूपी का रहने वाला है उसने अपना फर्जी आधार कार्ड बनाया और फर्जी नाम और पते पर कथित बैंक में खाता खोला, साल 2020 में आरोपी विकास पारस ने कोलकाता निवासी एक शराबी आशीष जायसवाल से बंधन बैंक का खाता खरीदा और उसने चेक बुक पैन कार्ड आधार कार्ड और एटीएम कार्ड प्राप्त किए उसके बाद उसने आशीष जायसवाल के मूल आधार कार्ड में एडिट कर फर्जी आधार कार्ड तैयार किया उसने अपनी मूल तस्वीर और सावित्री नगर मालवीय नगर दिल्ली का एक नकली पता भी आधार कार्ड में इसी फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड के जरिए उसने आईसीआईसीआई बैंक में एक और फर्जी खाता खोला इस अकाउंट का इस्तेमाल उसने ठगी के लिए किया वह और उसका सहयोगी फारुकी रोहन सिंह और रोहित के रूप में नकली पहचान के तहत चाणक्यपुरी में कैफे कॉफी डे में शिकायतकर्ता से मिले उनके दूसरे सहयोगी लव गुप्ता ने स्पूफिंग के जरिए सभी कॉल और मेल को मैनेज किया हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड विकास पारस को गिरफ्तार कर लिया है और उसके कब्जे से तीन फर्जी आधार कार्ड कथित फर्जी अकाउंट की चेक बुक भी बरामद की है और उसके साथियों की तलाश भी की जा रही है क्राइम ब्रांच की टीम लगातार उसके सहयोग की भी तलाश कर रही है और पुलिस की तरफ से कहा जा रहा है कि जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा