रूस के लिए अमेरिका सबसे बड़ा खतरा, भारत से बढ़ाएंगे सहयो

in #delhi2 years ago

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नेवी डे के अवसर पर नए नेवल डॉक्ट्रिन पर हस्ताक्षर किए। इस डॉक्ट्रिन में अमेरिका को रूस के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में पेश किया गया है। उन्होंने आर्कटिक और काला सागर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए रूस की वैश्विक समुद्री महत्वाकांक्षाओं को भी सार्वजनिक किया। सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के नौसेना दिवस पर बोलते हुए, पुतिन ने रूस को एक महान समुद्री शक्ति बनाने और रूसी राज्य की वैश्विक स्थिति को बढ़ाने के लिए पीटर द ग्रेट की प्रशंसा की।

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पुतिन ने कहा कि एडमिरल गोर्शकोव युद्धपोत को जिरकॉन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की डिलीवरी चंद महीनों के भीतर शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी तैनाती का स्थान रूसी हितों पर निर्भर करेगा।
नौसैनिक परेड का निरीक्षण करने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने एक छोटा सा भाषण भी दिया। इस दौरान उन्होंने रूस की अनूठी जिरकॉन मिसाइल का उदाहरण देते हुए कहा कि रूस के पास किसी भी संभावित हमलावरों को हराने के लिए सैन्य ताकत है। रूस की जिरकॉन को दुनिया की सबसे तेज स्पीड से चलने वाली मिसाइल कहा जाता है। अपने भाषण से कुछ समय पहले पुतिन ने 55 पेज के नए नेवल डॉक्ट्रिन पर हस्ताक्षर भी किए। इसमें रूस की नौसेना के व्यापक रणनीतिक उद्देश्यों को निर्धारित किया गया है।

इसमें रूस की प्राथमिकता भारत के साथ रणनीतिक और नौसैनिक सहयोग के साथ-साथ ईरान, इराक, सऊदी अरब और क्षेत्र के अन्य देशों के साथ व्यापक सहयोग विकसित करना है। इसमें रूस ने स्वीकार किया है कि उसके पास विश्व स्तर पर पर्याप्त नौसेना के ठिकाने नहीं हैं। ऐसे में वह अपने सैन्य बल का उपयोग दुनिया के महासागरों में मौजूदगी को बनाने के लिए कर सकता है

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