केजरीवाल सरकार का सबसे बड़ा तिरंगा बनाने का कार्यक्रम कैंसिल करना गलत।
दिल्ली सरकार द्वारा बिना योजना के आजादी के 75वीं वर्षगांठ के अमृत महोत्सव पर बच्चों दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा बनाने कार्यक्रम को स्थगित करना दुर्भाग्यपूर्ण है।- चौ0 अनिल कुमार
नई दिल्ली, 4 अगस्त, 2022 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि आजादी के 75वीं वर्षगांठ के अमृत महोत्सव पर दिल्ली के बच्चों द्वारा तिरंगा बनाने के कार्यक्रम को अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा स्थगित करने के निर्णय से दिल्लीवासियों सहित अभ्यास कर रहे स्कूली छात्रों की भावनाओं को आघात पहुचा है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव का कार्यक्रम बुराड़ी मैदान में आयोजित करने की कोई योजनागत तैयारी नही थी, क्योंकि मानसून के चलते बुराड़ी मैदान हमेशा पानी भरता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद का ढकोसला करने वाले केजरीवाल यदि अमृत महोत्सव को मनाने में सही मंशा होती तो दिल्ली सरकार के किसी स्टेडियम में इसका आयोजन कर सकते थे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार के बुराड़ी मैदान में अमृत महोत्सव आयोजित करने के गैर जिम्मेदाराना निर्णय के कारण हजारों स्कूली बच्चों द्वारा विश्व का सबसे बड़ा तिरंगा फहराने के ऐतिहासिक अवसर गंवा दिया है, जबकि यह हजारों छात्र महीने भर से तिरंगा बनाने की रिहर्सल कर रहे थे जिसकी पुष्टि स्वयं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा घोषणा की गई थी कि आज 4 अगस्त को दोपहर 12 बजे दिल्ली के बच्चे एक साथ मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा बनाऐंगे, लेकिन केजरीवाल सरकार की कार्यक्रम के प्रति बेरुखी के कारण यह कार्यक्रम नही हो पाया।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव पर राष्ट्रवाद की भावना का हम सम्मान करते है परंतु देश भक्ति और राष्ट्र सम्मान में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम स्थगित नही किए जा सकते, इसके लिए दिल्ली सरकार को किसी व्यवस्थित जगह जैसे स्टेडियम आदि में आयोजन किया जाना चाहिए था, जिस प्रक्रिया में केजरीवाल पूरी तरह विफल रही। उन्होंने कहा कि केजरीवाल 130 करोड़ देशवासियों को दिल्ली के बच्चों द्वारा दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा बनाकर दिखाने का जो सपना दिखा थे, गलत निर्णय के कारण उसमें वह सफल नही हुए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अमृत महोत्सव के लिए आयोजित कार्यक्रम के लिए करोड़ो रुपये खर्च किए गए थे, जिसे बिलकुल आयोजन वाले दिन स्थगित करने की घोषणा करना दिल्ली सरकार की नाकामयाबी है।
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