भोज पुरी भाषा के जीवन मे मिठास व प्यार बरसे#दिलीप पांडेय

in #delhi2 years ago

दिल्ली ,,,FB_IMG_1659950962602.jpg भाषा हर किसी की पहचान होते हैं भाषा के बिना हम किसी के साथ बातचीत नही कर सकते, हमारे विचार लोगों को बता नही सकते, लोगों के विचार हम समज नही सकते, भाषा के बिना हम शिक्षण नही ले सकते, हम हमारा इतिहास किसी को बता नही सकते, हम हमारा भाव प्रकट नही कर सकते। इसलिए हमें कम से कम एक भाषा सीखने की आवश्यकता है। यह भाषा हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।
आज संथली राइटर्स एसोसिएशन ने मुझे अपने मंच पर मुख्यातिथि के रूप में बुलाया। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। क्योंकि अच्छा लगता है जब अपनी मातृभाषा को लेकर लोग इतने जागरूक हैं और उसे बचाने के लिए कार्य कर रहे हैं। मेरी मातृभाषा हिन्दी से पहले भोजपुरी है। मैं भोजपुरी भाषी क्षेत्र से आता हूँ। लेकिन दुख है की मेरी और मेरे जैसे करोड़ों भोजपुरी बोलने वालों की मातृ भाषा भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा हासिल नहीं है।

भोजपुरी भाषा के बोली में जीवन के मिठास व प्यार बा । उ दोसर कउनो भाषा में नईखे । ई भाषा हमनी के दादा, परदादा औरी माई ,बाबू जी के भाषा ह।
भोजपुरी बोलने वालों की तादाद तकरीबन 25 करोड़ है। राज्यों की बात करें तो बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश में हिन्दी से अधिक भोजपुरी भाषियों की संख्या है। आप अंदाज लगा सकते हैं की भोजपुरी भाषा कितनी समृद्ध भाषा है।
मुझे खुद देश में बोली जानी वाली अलग अलग भाषाओं को सीखने और बोलने की कोशिश करता हूँ। अभी मैं कन्नड और पंजाबी भाषा सिख रहा हूँ।
मैं आप सब को शुभकामनाएं देता हूँ और प्रसन्नता व्यक्त करता हूँ कि आप सभी अपनी भाषा को लेकर इतने जागरूक हैं और इसके लिए कार्य कर रहे हैं।

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