कल तक केंद्रीय एजेंसियों पर सिंह जैसी दहाड़ती थीं ',दीदी, आज 'मोम' क्‍यों बन गईं ममता?

in #delhi2 years ago

उप राष्‍ट्रप‍ति चुनाव में ममता ने विपक्ष के उम्‍मीदवार को नहीं दिया था समर्थन

ममता का रुख अब कांग्रेस के ख‍िलाफ, जानकार के मत अलग-अलग

तो क्‍या दबाव में हैं ममता? भतीजे और बहू भी ईडी के निशाने पर

कोलकाता: चिटफंड घोटाले की जांच चल रही थी। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) की टीम कोलकाता में पुलिस आयुक्‍त राजीव कुमार से पूछताछ करने जाती है। कुमार के घर के बाहर ऊनी शॉल ओढ़े पश्‍चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) धरने पर बैठ जाती हैं। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के कुछ अध‍िकार‍ियों को ह‍िरासत में ले लिया। देश के इतिहास में ये एक अभूतपूर्व घटना थी। ये बानगी मात्र थी क‍ि ममता केंद्रीय जांच ऐजसियों क विरोध किस हद तक करती हैं। लेकिन अपने मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha chatterjee) को लेकर उनकी खामोशी सबको हैरान कर रही है। जबकि ईडी (ED) ने पार्टी के एक और विधायक माणिक भट्टाचार्य (Manik Bhattacharya) को भी पूछताछ के लिए बुलाया है।

इस मामले पर ममता ने अभी तक कुछ बोला तो वह मात्र इतना कि अगर पार्थ चटर्जी दोषी हैं तो उन्‍हें आजीवनन उम्र कैद हो। ममता के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए ऐसे बयान की उम्‍मीद शायद ही किसी को रही होगी। लेकिन इस बदलाव की वजह क्‍या है?
इस खामोशी की वजह क्‍या है? ममता ने उप राष्‍ट्रपति चुनाव में भी विपक्ष के प्रत्‍याशी का समर्थन नहीं किया। जबकि बीजेपी उम्‍मीदवार और पश्चिम बंगाल के राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ के साथ उनकी तल्‍खी जगजाहिर है। ऐसे में क्‍या ममता बैकफुट पर हैं? बात तो यहां तक हो रही क‍ि उनके और बीजेपी के बीच कुछ पक जरूर रहा।

मई 2021 में जब नारद रिश्वत मामले में फिरहाद हकीम, मदन मित्रा, सुब्रत मुखर्जी और शोवन चटर्जी को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने गिरफ्तार किया था, तब कई टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में निजाम पैलेस में सीबीआई के मुख्यालय और भाजपा मुख्‍यालय का घेराव किया था। बनर्जी ने भी सीबीआई कार्यालय पर धावा बोल दिया और करीब छह घंटे तक धरना दिया और मामले में चार नेताओं की बिना शर्त रिहाई या उन्हें भी गिरफ्तार करने की मांग की।