18 हजार फीट की ऊंचाई पर 5G की तैयारी कर रही सेना, चीन को मिलेगी टक्कर

in #delhi2 years ago

7b4bio5hobgtGQKeTeQ5JWQSXZc4WtQhuYFykRFmUTCmrL57f4fkudpSNJMZARGkrmd6XbJbndKdjFktfawZxV26eYg4XdV3xw3Di2ircAqz4Vjxzzkwytaf8XnSB4gCPHrZ4Tk5Bw7eFFzKpfUuM3ZdvAPY.jpegएलएसी पर सीमा के उस पार से चीन अपनी संचार व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए लगातार प्रभावी कदम उठा रहा है। भारतीय सेना भी 18 हजार फीट की ऊंचाई पर संचार व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 4 जी और 5जी नेटवर्क की तैयारी कर रही है। इसके पीछ सबसे बड़ा मकसद सूचना का तत्काल आदान-प्रदान करना है। सेना के लिए चीन सीमा पर दुर्गम पहाड़ियों से संदेश को तत्काल पहुंचाना साल 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद बेहद जरूरी है

भारतीय सेना ने चीन सीमा के पास 18 हजार फीट की ऊंचाई पर 4 जी और 5 जी नेटवर्क के लिए ओपन रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन (RFI) जारी किया है, जिसमें कंपनियों से ऐसे इलाके में तैनात फील्ड फॉर्मेशन को तकनीक मुहैया कराने के लिए बोलियां मांगी गई हैं। यह परिकल्पना की गई है कि तेज नेटवर्क से सेना का संदेश और डेटा भेजना तत्काल हो सके

एक साल में नेटवर्क डिलीवरी
सेना अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने के 12 महीने के भीतर नेटवर्क की डिलीवरी पर विचार कर रही है। साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव देखने को मिला था। जिसके तुरंत बाद चीन ने सीमा पर 5 जी नेटवर्क के लिए पहल शुरू कर दी थी। पहली निर्माण गतिविधियों के तहत फाइबर-ऑप्टिक केबल बिछाना शुरू किया था

रक्षा सूत्रों के अनुसार, चीन अपने सभी संचार और निगरानी प्रणालियों को बेहतर करने के लिए 5 जी नेटवर्क शुरू कर दिया है। उधर, अपने आरएफआई में, सेना ने मोबाइल कम्यूनिकेशन कंपनियों से आवेदन मांगे है, ताकि सीमा पर हाई स्पीड नेटवर्क वाला मोबाइल प्रणाली जल्द से जल्द स्थापित किया जा सके

गौरतलब है कि सेना को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अग्रिम स्थानों पर मोबाइल संचार संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, सीमा पर एक सुरक्षित रेडियो फ्रीक्वेंसी सैटेलाइट मोड उपलब्ध है लेकिन, इसके बावजूद 4 जी और 5 जी नेटवर्क समय की जरूरत है क्योंकि इससे तेजी से संचार और डेटा ट्रांसफर में मदद मिलेगी