UPSC टॉपर श्रुति शर्मा ने ऐसा क्या पढ़ा कि IAS एग्जाम में कर दिया टॉप

in #delhi2 years ago

UPSC टॉपर श्रुति शर्मा (UPSC Topper Shruti Sharma) के लिए यह यकीन करना कुछ मुश्किल था कि वे सिविल सर्विसेज की ऑल इंडिया टॉपर (UPSC topper 2021) बनी हैं। श्रुति कहती हैं, इंटरव्यू के बाद मुझे पॉजिटिव रिजल्ट की उम्मीद तो थी मगर फर्स्ट रैंक पर विश्वास ही नहीं हुआ। मैंने कई बार अपनी रैंक चेक की। यह एक यादगार सरप्राइज है। मैं बहुत खुश हूं, उन सभी की शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे इस कामयाबी (Success story of Shruti Sharm) को पाने में मदद की।

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श्रुति शर्मा का परिवार बिजनौर से है, हालांकि उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से ही की। उन्होंने सरदार पटेल विद्यालय से स्कूली पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स और फिर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एमए में एडमिशन लिया। सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी के लिए उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रेजिडेंशल कोचिंग अकैडमी को चुना। श्रुति कहती हैं, जामिया की इस अकैडमी से मुझे बहुत मदद मिली। साथ ही मेरे टीचर्स, दोस्तों और पैरंट्स के सपोर्ट की वजह से ही यह हो पाया है। रिजल्ट आते ही मैंने मम्मी और नानी को बताया और फिर पापा से फोन पर बात की। उनकी खुशी देखना मेरे लिए बहुत स्पेशल है।
श्रुति ने दूसरे अटेम्प्ट में सिविल सर्विसेज एग्जाम में सफलता हासिल की है। वह कहती हैं, पहली बार में मैं एक गलती की वजह से इंग्लिश मीडियम में एग्जाम नहीं दे पाई और हिंदी में लिखकर स्कोर नहीं कर पाई। एक नंबर से इंटरव्यू कॉल रह गया था। निराशा से ज्यादा हिम्मत मिली और दूसरे अटेम्प्ट में मेहनत की। श्रुति कहती हैं, सिलेबस काफी ज्यादा होता है, तो सही स्‍ट्रैटजी चाहिए होती है। मैंने खुद नोट्स बनाए, रिविजन पर फोकस रहा। साथ ही, इस एग्जाम की तैयारी में धैर्य बहुत जरूरी है। इस पर मैंने पूरा ध्यान दिया।
श्रुति का मानना है कि खुद के नोट्स तैयारी में काफी मदद देते हैं। वह कहती हैं, सिविल सर्विसेज का सिलेबस बड़ा होता है। मार्केट में बहुत स्टडी मटीरियल हैं, मगर कई बार स्टूडेंट्स इसके भरोसे ही रहकर गलती करते हैं। बेसिक्स पर ध्यान देना, कॉन्सेप्टस क्लियर करने के लिए खुद के नोट्स बनाना बहुत जरूरी है। साथ ही, बार-बार रिविजन सिविल सर्विसेज की तैयारी की बड़ी जरूरत है। वह कहती हैं, कोचिंग गई थी, मदद भी मिली मगर बाद में मैंने छोड़ दी। मुझे सेल्फ स्टडी पर ज्यादा भरोसा है।
श्रुति घंटों की पढ़ाई पर यकीन नहीं रखती। वह कहती हैं, हर एक का पढ़ने का अलग स्टाइल होता है, इसलिए हर कोई किसी एक फॉर्मूले पर पढ़ाई ना करें। साथ ही, घंटों के हिसाब से नहीं, बल्कि जितनी देर ध्यान और लगन से पढ़ सकें, उतना पढ़ें। अपना टाइमटेबल अपने हिसाब से बनाएं। सिविल सर्विसेज टॉपर ने आईएएस और यूपी कैडर अपनी पहली प्राथमिकता रखी है। वह कहती हैं, मैं महिलाओं को मजबूत करने और शिक्षा के क्षेत्र पर काम करना चाहती हूं। बाकी जिस सेक्टर में भी मुझे काम करने का मौका मिलेगा, वहां बेहतर काम करूंगी।
श्रुति घंटों की पढ़ाई पर यकीन नहीं रखती। वह कहती हैं, हर एक का पढ़ने का अलग स्टाइल होता है, इसलिए हर कोई किसी एक फॉर्मूले पर पढ़ाई ना करें। साथ ही, घंटों के हिसाब से नहीं, बल्कि जितनी देर ध्यान और लगन से पढ़ सकें, उतना पढ़ें। अपना टाइमटेबल अपने हिसाब से बनाएं। सिविल सर्विसेज टॉपर ने आईएएस और यूपी कैडर अपनी पहली प्राथमिकता रखी है। वह कहती हैं, मैं महिलाओं को मजबूत करने और शिक्षा के क्षेत्र पर काम करना चाहती हूं। बाकी जिस सेक्टर में भी मुझे काम करने का मौका मिलेगा, वहां बेहतर काम करूंगी।
लगभग 685 उम्मीदवारों ने यूपीएससी परीक्षा पास की है। पीएम मोदी ने इन्हें बधाई देते हुए कहा कि इन युवाओं को मेरी शुभकामनाएं जो भारत की विकास यात्रा के एक अहम समय में अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत कर रहे हैं, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। पीएम ने असफल रहे उम्मीदवारों को संदेश देते हुए कहा, ‘मैं निराशा को समझता हूं। मैं यह भी जानता हूं कि ये प्रतिभाशाली युवा किसी भी क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ेंगे।’ सफल उम्मीदवारों में जनरल कैटिगरी के 244, EWS वर्ग के 73, OBC के 203, SC के 105 और 60 ST परीक्षार्थी शामिल हैं।