दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सीएजी रिपोर्ट पर केजरीवाल को दी खुली बहस की चुनौती

in #delhi2 years ago

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार के विकास कार्यों के दावों को झूठा बताते हुए आरोप लगाया कि नियंत्रक एवं महालेख परीक्षक यानि सीएजी की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि दिल्ली सरकार पिछले सात सालों से बजट में प्रस्तावित धनराशि को पूरा खर्च नहीं कर पा रही है। नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी के साथ आज एक संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने सीएजी की रिपोर्ट पर खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा कि सरकार विकास कार्यों पर बजट प्रावधानों के साथ-साथ केंद्र से विभिन्न योजनाओं के लिए मिली राशि को भी खर्च नहीं कर पाई। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा मीडिया रिलेशन विभाग के प्रभारी श्री हरीश खुराना और प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख श्री हरिहर रघुवंशी उपस्थित थे।

श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि केजरीवाल सरकार के विकास के सभी दावें झूठे और खोखले हैं। उन्होंने विधानसभा में पेश रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली की सरकार पूरा बजट भी खर्च करने में असमर्थ है। हर वर्ष बजट का कुल 30 से 40 फीसदी रिटर्न चला जाता है। ऐसे में योजनाओं पर पैसा खर्च न करना और स्वास्थ्य, शिक्षा, निर्माण और विकास कार्यों पर प्रस्तावित राशि का भी उपयोग ना होना दर्शाता है कि केजरीवाल सरकार हर क्षेत्र में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है।

श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2015 से 2020 तक प्रत्येक वर्ष खर्च न होने वाली बजट राशि में बढ़ोत्तरी होती रही है जहां वर्ष 2015-16 में खर्च न होने वाली राशि 7374 करोड़ रुपये से ज्यादा थी वहीं वर्ष 2019-20 में तक यह बढ़ कर 12670 करोड़ रुपये तक हो गई। उन्होंने कहा कि जनता का पैसा जो विकास कार्यों में लगाना था, वह भी केजरीवाल सरकार खर्च नहीं कर पाई जबकि उसके दावें दिल्ली को विकास के नए पथ पर ले जाने को है।

श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की 39 योजनाएं ऐसी हैं जिनकी घोषणा तो हुई लेकिन जमीन पर उनमें से एक भी नहीं उतर सकी। इस तरह से करोड़ों रुपयों की योजनाए जों युवा, गरीबों, ग्रामीणों और वकीलों के लिए थी वह आज तक शुरु नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं दिल्ली सरकार केंद्र से विभिन्न परियोजनाओं के लिए मिलने वाली राशि को भी पूरा खर्च नहीं कर पाई। इन योजनाओं में यमुना की सफाई, गरीबों के लिए मकान के साथ कई विकास कार्य शामिल थे।

श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि इन सभी योजनाओं की असफलताओं से साफ है कि दिल्ली सरकार के बजट अनुमान और वास्तविक खर्च के अनुमान दोनों ही गलत और झूठे रहे। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के पूरा न होने से दिल्ली में जलभराव, खराब सड़कें, सीवर स्वास्थ्य और शिक्षा सहित अन्य मुद्दों पर लोग हर रोज परेशान हो रहे हैं।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार की असफलताओं को उजागर किया गया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है। 88 फीसदी अनधिकृत कॉलोनियों में सरकार सीवर तक उपलब्ध नहीं करा पाई है और मजदूरों के कल्याण के रूप में वसूली गई राशि में से 94 फीसदी का इस्तेमाल तक नहीं किया गया। इतना ही नहीं डीटीसी को 5280 करोड़ रुपये का नुकसान एक साल में ही हो गया। दिल्ली की हाउसिंग प्लानिंग भी पूरी तरह फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार किस मुंह से अपने आपको गरीबों की हमदर्द कहती है जबकि सच्चाई यह है कि बिल्डिंग और अन्य निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के कल्याण के लिए लगाए गए टैक्स के रूप में सरकार ने 3273.64 करोड़ रुपये वसूल किए और इस राशि में से सिर्फ 182.88 करोड़ रुपये मजदूरों के कल्याण पर खर्च हुए।

श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि 1797 कॉलोनियों में दिसंबर 2018 तक पीने का पानी मुहैया कराने का टारगेट था लेकिन सरकार केवल 353 कॉलोनियों में ही पानी पहुंचा पाई। आप सरकार टैंकर माफिया को खत्म करने के नाम पर सत्ता में आई आज भी 572 कॉलोनियों में टैंकरों से पानी की सप्लाई होती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड और डीटीसी आप सरकार के निकम्मेपन का उदाहरण बन गए हैं। 2019 के अंत तक दिल्ली जल बोर्ड 28 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज तले डूब चुका था लेकिन सिर्फ 351 करोड़ रुपये का लोन चुकाया गया। ब्याज को मिलाकर यह राशि 27 हजार 660 करोड़ हो गई। इसी तरह डीटीसी के लिए मौजूदा सरकार ने एक भी बस नहीं खरीदी, उस पर 38 हजार 753 करोड़ रुपये का लोन 2019 तक हो चुका था। एक साल में ही डीटीसी को 5280 करोड़ रुपये का घाटा हो गया।
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