भूला नहीं हूँ मैं...

in #dehradun2 years ago

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भूला नहीं हूँ मैं...

भूला नहीं हूँ मैं
तुम्हारे पाँव के छाले
जब तुम पैदल पैदल
भूखे-प्यासे पहुँचे
अपने गाँव के हवाले

भूला नहीं हूँ मैं
तुम्हारी करुण पुकार
बाल-बच्चों की चीत्कार
घर-बाहर हाहाकार
भूल गए जिम्मेदार
रूठ गयी सरकार

भूला नहीं हूँ मैं
तुम्हारे अनगिन रूप
काम वाली बाई
माली, धोबी, लुहार
रँगरेज, खाती, कुम्हार
नाई-धीमर, तेली-तमोली
तुम्हारे भिन्न स्वरूप
और तुम्हारे सौ उपकार

भूला नहीं हूँ मैं
बेघर होकर भी
तुमने मेरा घर बनवाया
खुद गर्मी में रहकर
मेरे लिये नल चलाया
शर्म आती है मुझे
तुम्हारे लिए
तुम्हारे कल्याण के लिये
जितना कर सकता था
नहीं कर पाया उद्धार
भूल नहीं पाऊंगा
तुम्हारे अनगिनत उपकार
क्षमा-प्रार्थना करो स्वीकार!!

-- नरेन्द्र
१ मई, २०२२
!!शुभ अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस!!

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