बुखार और पेटदर्द से चार की मौत

in #death2 days ago

चित्रकूट 17 सितंबर:(डेस्क)पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ते स्वास्थ्य संकट
पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और गरीबी के चलते लोगों को गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में रेहुंटा और लोढ़वारा गांव के दो मरीजों की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

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रेहुंटा गांव का मामला
रेहुंटा निवासी सीताराम (70) को तेज बुखार और पेटदर्द होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। बेटे राजकिशोर ने बताया कि सोमवार की सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सीताराम की मृत्यु से परिवार में शोक की लहर है। गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण उन्हें समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाया

लोढ़वारा गांव का मामला
लोढ़वारा गांव निवासी जयकरन ने बताया कि बाबा पुनिवा (65) को पेटदर्द व बुखार की दो दिनों से शिकायत थी। रविवार की रात जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इलाज के दौरान मौत हो गई। पुनिवा की मृत्यु से परिवार में शोक है। उन्हें भी समय पर उचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाईं।

पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य संकट के कारण
पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य संकट के कई कारण हैं:
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: पहाड़ी इलाकों में अस्पताल, डॉक्टर और दवाइयों की कमी है। लोगों को गंभीर बीमारी होने पर भी दूर जाकर इलाज कराना पड़ता है।
गरीबी: पहाड़ी क्षेत्रों में गरीबी का स्तर ज्यादा है। लोग गरीबी के कारण समय पर उचित इलाज नहीं करा पाते।
परिवहन की समस्या: पहाड़ी इलाकों में परिवहन की समस्या है। गंभीर बीमार मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाना मुश्किल होता है।
जागरूकता का अभाव: पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य जागरूकता का अभाव है। लोग समय पर इलाज नहीं कराते।
पर्यावरण प्रदूषण: पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण भी स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है।

सरकार के प्रयास
सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए हैं:
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट्स शुरू की गई हैं जो दूरदराज के इलाकों में सेवाएं देती हैं।
स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ पहाड़ी इलाकों के लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष
पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य संकट गंभीर समस्या है। सीताराम और पुनिवा की मौत इसकी मिसाल है। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, गरीबी, परिवहन की समस्या, जागरूकता का अभाव और पर्यावरण प्रदूषण इसके प्रमुख कारण हैं। सरकार ने कुछ प्रयास किए हैं लेकिन अभी काफी कुछ करना बाकी है। पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए सरकार, स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय लोगों को मिलकर काम करना होगा।