बुखार से महिला की मौत, छह भर्ती

in #death4 days ago

चित्रकूट 14 सितंबर:(डेस्क)चित्रकूट के जिला अस्पताल में हाल ही में बुखार से पीड़ित एक वृद्धा की मृत्यु हो गई, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं। यह घटना उस समय हुई जब अस्पताल में बुखार, पेटदर्द और उल्टी-दस्त से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। मौसम में बदलाव के साथ ही वायरल संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ है, जिससे अस्पताल की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है।

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वृद्धा की मृत्यु
स्थानीय निवासी गुलाब ने बताया कि उसकी दादी, चुनकूराम (68), को तीन दिनों से बुखार था। उनका इलाज गांव में चल रहा था, लेकिन अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक बड़ा आघात है।

भर्ती मरीजों की स्थिति
अस्पताल में बुखार और पेटदर्द से पीड़ित दो सगी बहनों समेत छह मरीजों को भर्ती किया गया है। इनमें प्रभादेवी, पार्वती, मंगलवती, केतकी देवी, घोसीराम, लवकुश, नैना, शिखा, मनीषा, नीलू, धीरेंद्र, सूरज सिंह, गौरी और राखी शामिल हैं। सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन बेड की कमी के कारण मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजने की सलाह दी जा रही है।

अस्पताल प्रशासन की स्थिति
जिला अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना श्रीवास्तव ने स्थिति के बारे में जानकारी दी और बताया कि सभी मरीजों का उचित इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के अलावा सभी वार्डों में बेड बढ़ाए गए हैं ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके। हालांकि, अस्पताल में भीड़ और संसाधनों की कमी के कारण स्थिति नियंत्रण में नहीं है।

स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियाँ
यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। प्रशासन को इस गंभीर संकट के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। बुखार और अन्य रोगों के बढ़ते मामलों के कारण अस्पताल में भारी भीड़ और चिकित्सा संसाधनों की कमी से निपटने के लिए प्रभावी योजना और प्रबंधन की जरूरत है।

निष्कर्ष
चित्रकूट में बुखार और अन्य वायरल संक्रमणों के मामलों में वृद्धि ने स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को गंभीर बना दिया है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। मरीजों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।