दो बच्चों की मौत से शाहजहांपुर के गांव में शोक की लहर, परिजनों में गहरा दुख
शाहजहांपुर 16 सितम्बर:(डेस्क)गांव तिलौआ में 11 साल की वंदना और 10 साल के शैलेश की डूबने से मौत के बाद मातम का माहौल छा गया है। रविवार की शाम को जब उनके शव पोस्टमार्टम के बाद गांव लाए गए, तो वहां चीख-पुकार मच गई। ग्रामीण भी अपने आंसू नहीं रोक सके, और इस दुखद घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया।
वंदना, जो कि खेतीबाड़ी करने वाले रामसरन की सबसे छोटी बेटी थी, गांव के स्कूल में कक्षा चार में पढ़ती थी। शनिवार को वंदना, शैलेश, सती, गौरव, पारो और सबूरवती बकरी चराने गई थीं। इस दौरान उन्होंने हवला नदी के किनारे नहाने का निर्णय लिया। नहाते समय वंदना और शैलेश गहरे पानी में चले गए। अन्य बच्चों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
हादसे के बाद सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने वंदना और शैलेश को मृत घोषित कर दिया। रविवार को उनके शव गांव लाए जाने पर परिवार के सदस्य और ग्रामीण गहरे सदमे में थे। वंदना के पिता रामसरन, मां कैलाशो, भाई अवनीश, रजनीश, अनुज, रानू, भानु और रंजना सभी बिलख पड़े। इसी तरह शैलेश की मां मीना और पिता अमरपाल भी अपने बेटे को खोने का गम सहन नहीं कर पा रहे थे।
इस दुखद घटना ने गांव में एक गहरा शोक पैदा कर दिया है। दोनों बच्चों के शवों को दफन कर दिया गया है, और उनकी यादों में गांव के लोग शोकाकुल हैं। यह घटना न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे गांव के लिए एक बड़ी क्षति है।
गांव के लोग इस घटना से गहरे आहत हैं और इसे लेकर प्रशासन से सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। बच्चों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि अन्य परिवारों को इस तरह के दर्द का सामना न करना पड़े।
इस हादसे ने यह भी स्पष्ट किया है कि बच्चों को जलाशयों के पास खेलते समय अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन को भी इस दिशा में कदम उठाने चाहिए ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
गांव तिलौआ में वंदना और शैलेश की मौत ने सभी को एकजुट किया है, और अब सभी मिलकर इस दुखद क्षण का सामना कर रहे हैं। उनकी यादें हमेशा गांववासियों के दिलों में जिंदा रहेंगी।