जीवन-मृत्यु के वादे को निभाया: पति की मृत्यु के 24 घंटे बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम,
बलिया 05 सितम्बर: (डेस्क) बलिया जिले के एक गांव में एक दंपती ने एक-दूसरे के प्रति अपने अटूट प्रेम और वादे को निभाते हुए एक दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया।
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यह घटना तब हुई जब पति की अचानक मृत्यु हो गई और उसके शव को घर लाया गया। इस दुखद समय में, पत्नी ने भी अपने पति के बिना जीने की कल्पना नहीं की और कुछ ही समय बाद उसने भी दम तोड़ दिया।
घटना का विवरण
यह घटना बलिया के एक छोटे से गांव में हुई, जहां वीर बहादुर राम और उनकी पत्नी संध्या देवी की शादी को केवल 11 महीने हुए थे। दोनों ने अपनी शादी के समय एक-दूसरे के साथ जीने और मरने की कसम खाई थी। पति की मृत्यु के बाद, जब शव घर पहुंचा, तो अंतिम संस्कार की तैयारियाँ शुरू हो गईं।
पत्नी की मृत्यु
पति के निधन के बाद, पत्नी संध्या देवी ने अपने पति की याद में इतना दुख महसूस किया कि वह भी जी नहीं सकी। कुछ ही घंटों बाद, वह भी अपने पति के पास चली गई। यह सब देखकर गांव के लोग हैरान रह गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए।
अंतिम विदाई
जब दोनों की अर्थी एक साथ उठी, तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने इस दंपती के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। यह दृश्य इतना भावुक था कि सभी की आंखों में आंसू थे।
प्रेम की मिसाल
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि सच्चा प्रेम और वादा केवल शब्द नहीं होते, बल्कि यह जीवन और मृत्यु के पार भी एक बंधन बनाते हैं। इस दंपती ने अपने जीवन के हर पल में एक-दूसरे का साथ निभाया और अंत में भी एक साथ ही विदाई ली।
गांव का माहौल
गांव में इस घटना के बाद शोक का माहौल था। लोग एक-दूसरे को सांत्वना देते हुए नजर आए। सभी ने इस दंपती के प्रेम और समर्पण को याद किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
यह घटना केवल एक दंपती की कहानी नहीं है, बल्कि यह प्रेम, वादे और एकता का प्रतीक है। इस प्रकार की घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि जीवन में रिश्तों का क्या महत्व होता है और कैसे एक-दूसरे के प्रति समर्पण हमें मजबूत बनाता है।
निष्कर्ष
इस दंपती की कहानी ने सभी को एक गहरी सोच में डाल दिया है। यह हमें याद दिलाती है कि जीवन कितना अनिश्चित है और हमें अपने प्रियजनों के साथ हर पल को जीने की आवश्यकता है। वीर बहादुर राम और संध्या देवी की प्रेम कहानी एक प्रेरणा बन गई है, जो हमें सिखाती है कि सच्चा प्रेम कभी खत्म नहीं होता।
इस प्रकार, बलिया जिले में हुई यह घटना न केवल एक दुखद कहानी है, बल्कि यह प्रेम और समर्पण की एक मिसाल भी है।