रामलीला का सजीव मंचन देख दर्शक मंत्र मुग्ध

in #culture3 days ago

चित्रकूट 16 सितंबर:(डेस्क)चित्रकूट के श्री रामचरितमानस मंदिर तुलसी पीठ में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। इस महोत्सव में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों को प्रस्तुत करने के लिए गीत-संगीत का आयोजन किया गया। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री सुमित्रा ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से जीवन जीने का संदेश दिया जाता है, और उन्होंने सभी को रामचरितमानस का पाठ करने की प्रेरणा दी।

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इस महोत्सव का उद्घाटन पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने पूजा-अर्चना के साथ किया। कार्यक्रम में 68 स्कूली बच्चों ने संपूर्ण रामायण का मंचन किया, जो दर्शकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव था। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देता है।
रामलीला महोत्सव की शुरुआत चित्रकूट जैसे पवित्र स्थल पर होना विशेष महत्व रखता है, जहां भगवान राम की लीलाओं का वर्णन और प्रदर्शन किया जाता है। यह आयोजन भक्तों के लिए एक अवसर है कि वे अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनः जीवित करें।

सुमित्रा ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज में सकारात्मकता और एकता का संचार होता है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस का पाठ सभी को करना चाहिए, क्योंकि यह हमें जीवन जीने की सही दिशा दिखाता है।

इस महोत्सव में शामिल होने वाले भक्तों और दर्शकों ने रामलीला के विभिन्न प्रसंगों का आनंद लिया, जो न केवल मनोरंजन प्रदान करते हैं बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण पाठ भी सिखाते हैं। इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों से समाज में एकजुटता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिलता है।
इस महोत्सव का आयोजन चित्रकूट में हर साल किया जाता है, जो यहां की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में मदद करता है। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता है।

रामलीला महोत्सव का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं है, बल्कि यह हमारे धार्मिक ग्रंथों और उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाना भी है। इस प्रकार की गतिविधियों से युवा पीढ़ी को अपने सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने में मदद मिलती है।
इस साल का रामलीला महोत्सव विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसमें बच्चों की भागीदारी ने इसे और भी आकर्षक बना दिया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न पात्रों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भविष्य में भी रामलीला का महत्व बना रहेगा।

इस प्रकार, चित्रकूट में आयोजित यह अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का भी एक प्रयास है। सभी उपस्थित लोगों ने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया और इसे यादगार बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया।

अंततः, इस महोत्सव ने एक बार फिर साबित कर दिया कि रामायण की कहानियाँ आज भी हमारे जीवन में प्रासंगिक हैं और हमें सद्गुणों की ओर प्रेरित करती हैं। यह आयोजन सभी के लिए एक सीख देने वाला अनुभव था, जो हमें अपने जीवन में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा देता है।