एक फर्जी फेसबुक प्रोफाइल और नरभक्षी हत्यारे बन गए पति-पत्नी, जानें चौंकाने वाले खुलासे

in #crime2 years ago

Kerala-Human-Sacrifice.webpपुलिस ने इस दंपति को उनके गांव एलंथूर से करीब 120 किलोमीटर दूर कोच्चि से गिरफ्तार किया गया था. उनके इस अपराध की भयानक दास्तान सुनकर स्तब्ध स्थानीय लोगों का कहना है कि कहा कि वह सिंह उर्फ ​​'वैद्यन' को प्रगतिशील राजनीतिक आंदोलनों का विचारक मानते थे. उन्होंने कहा कि वह स्थानीय लोगों के बीच अपनी सौम्यता और सादगी के लिए जाने जाते थे और अपने हाइकु के लिए साहित्यिक हलकों में भी लोकप्रिय थे.
तिरुवनंतपुरम. केरल के पथानामथिट्टा जिले में एक आपराधिक मास्टरमाइंड की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल और एक दंपति के अमीर बनने के लालच ने दो महिलाओं की विभित्स हत्या की ऐसी इबारत लिखी, जिसे जानकर हर कोई सिहर जाए.

यहां 11 अक्टूबर को पुलिस ने एक पारंपरिक उपचारक और हाइकू कवि भगवल सिंह और उनकी पत्नी लैला को दो महिलाओं की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इन दोनों ने कथित रूप से मोहम्मद शफी उर्फ ​​रशीद की सलाह पर इन दोनों महिलाओं की हत्या की थी. पुलिस के मुताबिक इस दंपति ने धन और समृद्धि की लाचक में ‘मानव बलि अनुष्ठान’ के तहत दोनों महिलाओं का कत्ल किया और फिर उनका मांसभक्षण किया. इस बेहद विभत्स हत्याकांड के पीछे का मास्टरमाइंड रशीद ही बताया जा रहा है. पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है.

फर्जी फेसबुक प्रोफाइल से शुरू हुई मर्डर स्टोरी
यह पूरी कहानी तब शुरू हुई, जब 68 वर्षीय भगवल सिंह की दूसरी पत्नी 59 वर्षीय लैला ने फेसबुक पर एक पोस्ट देखा, जिसमें ‘समृद्ध जीवन में रुचि रखने वालों’ को आमंत्रित किया गया था. इस दंपति उस पोस्ट में रुचि दिखाई और थोड़ी और जानकारी हासिल करने की कोशिश की. इसके बाद सिंह, जिसे स्थानीय लोग ‘वैद्यन’ के नाम भी जानते हैं, को ‘श्रीदेवी’ नामक प्रोफाइफ से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली. उसने वहां दावा किया कि वह उनकी हाइकू कविता का फैन है. हाइकू 17 अक्षरों की एक कविता का जापानी नाम है जो परंपरागत रूप से तुकबंदी नहीं करता है.
इसके बाद भगवल सिंह और ‘श्रीदेवी’ के बीच अक्सर ऑनलाइन चैटिंग होने लगी. इसी तरह कुछ समय बीत जाने के बाद ‘श्रीदेवी’ ने इस प्राकृतिक उपचारक और कवि को अपार धन हासिल करने के लिए एर्नाकुलम के पेरुंबवूर में रहने रशीद नाम के एक ‘सिद्धन’ (ओझा) की मदद लेने के लिए तैयार कर लिया.
भगवल सिंह या लैला को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि ‘श्रीदेवी’ कोई और नहीं बल्कि रशीद उर्फ ​​मोहम्मद शफी है, जो इस फर्जी प्रोफाइल के पीछे छिपा है. ‘श्रीदेवी’ द्वारा इस जोड़े का ‘परिचय’ कराने के बाद रशीद ने एलंथूर में भगवल सिंह के घर अक्सर ही आना-जाना शुरू कर दिया. स्थानीय लोगों के बीच सिंह का अच्छा सम्मान था और उनको लगता था कि रशीद यहां अपना इलाज कराने के लिए ही आता था. इस तरह जल्द ही सिंह, लैला और रशीद के बीच एक मजबूत बंधन बन गया.

पति के सामने पत्नि से यौन संबंध
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रशीद ने फिर अपनी योजना को धीरे-धीरे अमल में लाना शुरू कर दिया. सबसे पहले उसने इस दंपति से कहा कि उसे सिंह की मौजूदगी में ही उनके घर पर उसकी पत्नी लैला के साथ यौन संबंध बनाना होगा. उनका यह घर दूसरे खाली घरों से घिरे बेहद एकांत स्थान पर स्थित था और अमीर बनने की लालच में अंधे हुए इस दंपति ने उसकी बात मान ली. पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि रशीद जब लैला के साथ यौन संबंध बना रहा था तब उसका पति सिंह वहीं ‘हाथ जोड़कर’ यह सब देख रहा था.
इस दंपति के घर ऐसी ही कुछ और यात्राओं के बाद, रशीद ने कथित तौर पर उन दोनों को बताया कि उन्हें अमीर बनने के लिए ‘अपने पापों को धोना’ होगा और इसके लिए ‘मानव बलिदान’ की जरूरत होगी.
इस ‘बलि’ का पहला शिकार एक लॉटरी विक्रेता थी, जिसे रशीद एक अश्लील वीडियो में काम के बदले 10 लाख रुपये देने के वादे पर कोच्चि से एलंथूर लेकर आया था. पुलिस ने बताया कि तीनों ने 8 जून को उसकी हत्या कर दी. पीड़िता की बेटी ने 27 अगस्त को कलाडी पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया, लेकिन सितंबर के आखिरी हफ्ते तक इसमें कोई सुराग नहीं मिला.
पहली हत्या के दो महीने बाद रशीद ने भगवल सिंह और लैला से कहा कि देवी संतुष्ट नहीं हुई हैं और उन्हें एक और ‘बलि’ देनी होगी. इस बार उन्होंने शिकार के लिए एक दूसरी लॉटरी विक्रेता को चुना, जो मूल रूप से तमिलनाडु के धर्मपुरी की रहने वाली थी. पुलिस ने कहा कि रशीद ने उसी तरीके का पालन किया और कोच्चि के पोन्नरुन्नी में रहने वाली इस दूसरी पीड़ित को एलंथूर में इस दंपति के घर ले आया. इसके बाद तीनों ने मिलकर 26 सितंबर को कथित रूप से उसकी हत्या कर दी.
महिलाओं को मारकर खाया मांस
पुलिस सूत्रों ने News18 को बताया कि लैला ने कबूल किया है कि उसने और उसके पति ने दोनों पीड़ितों का मांस पकाकर खाया, क्योंकि रशीद ने उन्हें बताया था कि ऐसा करने से उनका यौवन ‘बरकरार’ रहेगा. ऐसे में दोनों महिलाओं का मांस खाने के बाद तीनों ने कथित तौर पर उनके क्षत-विक्षत शवों को दफना दिया. उनका यह अपराध सामने आने के बाद पहले पीड़ित के अवशेष खोदे गए तो कथित रूप से उसकी लाश में एक पसली गायब थी.

दरअसल दूसरी पीड़िता की बहन ने 26 सितंबर को उसकी गुमशुदगी के दिन ही शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस भी तत्काल एक्शन में आई और मोहम्मद शफी उर्फ ​​रशीद उर्फ ​​’श्रीदेवी’, भगवल सिंह और लैला को हत्या वाले दिन ही पकड़ लिया.
इस दंपति को उनके गांव एलंथूर से करीब 120 किलोमीटर दूर कोच्चि से गिरफ्तार किया गया था. उनके इस अपराध की भयानक दास्तान सुनकर स्तब्ध स्थानीय लोगों का कहना है कि कहा कि वह सिंह उर्फ ​​’वैद्यन’ को प्रगतिशील राजनीतिक आंदोलनों का विचारक मानते थे. उन्होंने कहा कि वह स्थानीय लोगों के बीच अपनी सौम्यता और सादगी के लिए जाने जाते थे और अपने हाइकु के लिए साहित्यिक हलकों में भी लोकप्रिय थे.