मैं दूध भी नहीं पिला सकती... बच्चे को ट्रेन में छोड़ गई मां, साथ में भावुक कर देने वाला लेटर

in #crime2 years ago

_1665586472.webpएक गरीब और बेसहारा मां की उस मजबूरी को शायद कोई समझ पाता, जो अपनी बेबसी और गरीबी के चलते कलेजे के टुकड़े को यूं लावारिस छोड़ने के लिए मजबूर हुई। हमारे जनप्रतिनिधि अपनी यात्राओं पर आडंबर में ही करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं। लेकिन इस महिला के बारे में सोच कर ही दिल कांप जाता है। जिसने अपने कलेजे पर पत्थर रखकर दिल के टुकड़े को ट्रेन में लावारिस हालत में छोड़ दिया।आरपीएफ द्वारा अटेंड किए गए इस बच्चे के पास मिले एक मार्मिक पत्र से खुलासा हुआ कि महिला इस बेरहम दुनिया में क्यों अपने बच्चे को छोड़ने के लिए मजबूर हुई।
कहने को हमारे राजनेता और अफसर संवेदनशीलता का ढोंग करते हुए दावा करते हैं कि वह कमजोर और समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण के बारे में सोचते हैं लेकिन शायद यह बातें सिर्फ कागजी हैं जमीनी स्तर पर इसकी हकीकत कुछ और है।बच्चे के पास मिले पत्र को देखकर आरपीएफ और चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों की भी आंखें भर आईं। क्योंकि उस मां ने अपने जिगर के टुकड़े को छोड़ते हुए लिखा कि वह बहुत मजबूरी में ही अपने बच्चे को छोड़ रही है क्योंकि यह सिर्फ दूध पीता है ।उसके पास 3 बच्चे पहले से ही है पति की मौत हो चुकी है।कमाई का कोई सहारा नहीं है।उसका बच्चा मानसिक रूप से कमजोर और मूकबधिर भी है। इसलिए वो उसे पालने में असमर्थ है।
इस महिला ने यह भी लिखा कि वह अनाथालय और यतीम बच्चों को रखने वाले लोगों के पास भी पहुंची थी लेकिन किसी ने भी इस बच्चे को नहीं लिया।तब उसे मजबूरी में बच्चे को ट्रेन में छोड़ना पड़ा है। यह बच्चा डी 6 कोच में रतलाम भिंड इंटरसिटी एक्सप्रेस में मिला था।जो ठीक से बोल भी नहीं पाता है और उम्र भी सिर्फ ढाई साल है।फिलहाल बाल कल्याण समिति के सुपुर्द इस बच्चे को दे दिया गया है जहां उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया है। फिलहाल इस बच्चे की अभागी मां का कुछ पता नहीं चला है।