बेटियों को मां के सामने से भेड़ियों की तरह झपट्टा मारकर ले गए दरिंदे

in #crime2 years ago

प्लेस -लखीमपुर खीरी


स्लग -बेटियों को मां के सामने से भेड़ियों की तरह झपट्टा मारकर ले गए दरिंदे,कुछ देर बाद गन्ने के खेत मे पेड़ से लटके मिले दोनों बेटियों के शव 

 -लखीमपुर खीरी जिले के निघासन कोतवाली क्षेत्र में उस वख्त हड़कम मच गया जब मां के सामने  बाइक सवार उसकी दो बेटियों को घर से उठा ले गए वही बेटियों को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए जब मां भिड़ी तो उसे भी धक्का दे दिया और दोनों बेटियों को बाइक पर लादकर भाग गए,घटना के करीब पौन घंटे बाद बेटियों का खेत में फंदे से लटकते हुए शव देख मां-बाप पछाड़ खाकर जमीन पर गिर गए। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर रात में ही पोस्टमार्टम के लिये जिला मुख्यालय भेज दिया था।


मृतक किशोरियों की मां ने बताया कि पड़ोसी गांव के तीनों आरोपी पड़ोस के एक घर में अक्सर आते-जाते थे और घर के आसपास चक्कर काटते थे उसे उम्मीद न थी कि एक दिन ऐसा भी हो सकता है।


फिलहाल पुलिस देर रात मां की तहरीर पर मामले में गांव के ही एक नामजद आरोपी छोटू व तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या,रेप,पास्को एक्ट की धारा ,3,4 में एफआईआर दर्ज कर आगे की जाँच में जुट गई है


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आपको बता दें अनुसूचित जाति के परिवार का घर गांव के उत्तरी छोर पर घर है, जहां से गन्ने के खेत शुरू हो जाते हैं। गांव की बस्ती थोड़ी दूरी पर है। बुधवार की शाम को बेटियों का पिता धान काटने गया था। घर पर उसकी बीमार पत्नी और दो नाबालिग बेटियां थीं। मृतका की मां ने बताया कि शाम पांच बजे के करीब उनकी बड़ी बेटी (17) व छोटी बेटी (15) घर के बाहर लगी चारा मशीन पर जानवरों के लिए चारा काटने जा रही थी कि तभी सफेद बाइक पर सवार तीन युवक दोनों बेटियों को दबोचकर बाइक पर ले गए। बिटिया को बचाने की कोशिश में उसे भी चोटें आईं। मां के शोर मचाने पर इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने तलाश शुरू की तो 48 मिनट बाद 5 बजकर 48 मिनट पर गांव से करीब 700 मीटर की दूरी पर गन्ने के खेत में लगे खैर के पेड़ में दुपट्टे से लटके दोनों के शव मिले। एक घंटे पहले जिंदा बेटियों के पौन घंटे में एक साथ शव देखकर परिजन पछाड़ खाकर वहीं गिर गए, जिस पर ग्रामीणों ने गमछे से उनको हवा की। रोते बिलखते मां ने बताया कि पड़ोस के गांव के तीन युवक उसके घर के आसपास से निकलते रहते थे, लेकिन कभी उसको अंदाजा नहीं था कि तीनों बेटी को अगवाकर मार डालेंगे। वह दोनों बेटियों को पढ़ा-लिखाकर शिक्षक बनाना चाहती थी। घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए दो भाई दिल्ली में मजदूरी करते हैं। बताया कि बड़ी बेटी हाईस्कूल तो छोटी बेटी आठवीं में पढ़ती थी।


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पुलिस पर शव को जबर्दस्ती अपने कब्जे में लेने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ घटनास्थल पर खूब हंगामा काटा। इस बीच ग्रामीणों और पुलिस की तीखी झड़प हुई और नाराज लोगों ने सदर चौराहे पर जाम लगा दिया। आरोप है कि प्रभारी निरीक्षक चंद्रभान यादव शव को कपड़े में लपेटकर जबरन घटनास्थल से लेकर चले गए, जिससे परिवार वाले शव को ढंग से देख भी नहीं पाए। ग्रामीणों ने काफी रोष जताया। किसी तरह पंचनामा भरकर उनको सील किया गया। इसके बाद शव लेने पहुंची एंबुलेंस को भी ग्रामीणों ने घेर लिया और शव को ले जाने से मना कर दिया। किसी तरह पुलिस ने वहां से मृतका के पिता और एंबुलेंस को वहां से निकाला। एंबुलेंस को निघासन में ही रोकने के लिये तमाम ग्रामीण बाइक पर सवार होकर एंबुलेंस के पीछे भागे लेकिन मौके की नजाकत को समझते हुए पुलिस अफसरों ने निघासन में बिना रोके एंबुलेंस को लखीमपुर के लिए रवाना कर दिया। इस बीच एंबुलेंस को न पाकर ग्रामीणों ने सदर चौराहे पर जाम लगा दिया। सीओ संजयनाथ तिवारी और कोतवाल चंद्रभान यादव समेत तमाम पुलिसकर्मी मनाने और समझाने में लगे रहे लेकिन ग्रामीण नहीं माने। इस बीच अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह से ग्रामीणों की झड़प हुई।


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घटना के करीब एक घंटे बाद करीब साढे़ सात बजे एसपी संजीव सुमन मौके पर पहुंचे और उन्होंने भी ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीणों ने दोनों किशोरियों के शव वापस निघासन मंगाने की जिद की। इस पर एसपी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि ग्रामीण चाहें तो लखीमपुर चलकर अपने सामने पोस्टमॉर्टम करवा सकते हैं। इसके बाद भी काफी देर तक हंगामा चलता रहा। एसपी संजीव सुमन ने बताया कि प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने से नाराज ग्रामीण सड़क जाम करने पर अड़ गए, जिसके बाद मौके पर पहुंचे एसपी संजीव सुमन ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन भड़के ग्रामीण एसपी से उलझ गए। एसपी ने सड़क जाम करने को कानून विरुद्ध बताते हुए ग्रामीणों को ऐसा न करने की नसीहत दी। इस बीच पुलिस जब समझाकर सभी को थाने ले आई, लेकिन बाद में भीड़ फिर भड़क गई और मृतका की मां को गोद में उठाकर चौराहे की ओर चल पड़े। इस बीच पुलिस ग्रामीणों को रोकने में जुटी रही। भीड़ और पुलिस दोनों के बीच काफी धक्का-मुक्की हुई। 



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देर रात घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद 10 बजकर 30 मिनट पर आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह सदर चौराहा पहुंचीं। उन्होंने मृतका की मां के आंसू पोंछते हुए परिजन और गांव के प्रधान समेत तीन लोगों से बात की और जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया। मीडिया से बातचीत में आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने बताया कि गांव के बाहर खेत में दोनों बहनों के शव लटके हुए मिले थे। शरीर पर जाहिरा कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं। प्रथमदृष्टया दोनों बहने फांसी पर लटकी मिली हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। परिवार वालों से बातचीत की गई है, वह जैसा भी लिखकर देते हैं, उसके आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। हमारी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द दोनों बच्चियों को इंसाफ दिलाया जाये। पोस्टमॉर्टम विशेषज्ञों के पैनल से कराया जाएगा, जिसकी वीडियोग्राफी होगी। 


परिजनों और ग्रामीणों के बिना पंचनामा के पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाने के आरोप पर आईजी ने कहा कि विधिक कार्यवाही की जाती है। बाकायदा उस पर पीड़ित परिवार के किसी नुमाइंदे के दस्तखत होते हैं। वहीं, परिजन के शव वापसी पर ही पोस्टमार्टम की बात पर लेकिन जो विधिक तरीके से अनुमन्य होगा। हम लोग वही करेंगे।


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विपक्ष का ट्वीटः हाथरस कांड जैसी जघन्य घटना

लखीमपुर खीरी। अखिलेश यादव ने लिखा कि निघासन में दो दलित बहनों को अगवा करने के बाद उनकी हत्या और उसके बाद पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमार्टम किया गया। लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या हाथरस की बेटी हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि लखीमपुर में दो बहनों की हत्या दिल दहलाने वाली है। परिजनों का कहना है कि उनक लड़कियों का दिनदहाड़े अपहरण किया गया था। रोज अखबारों व टीवी में झूठे विज्ञापन देने से कानून व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती। यूपी में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं।


बाईट आईजी लक्ष्मी सिंह

बाईट-म्रतक किशोरियों की मां