आरोपी महिला को लेकर गांव पहुंची पुलिस, पीड़ित पक्ष ने किया हंगामा

in #crime8 days ago

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आरोपी महिला को लेकर गांव पहुंची पुलिस, पीड़ित पक्ष ने किया हंगामाजायस (अमेठी)। हत्यारोपी महिला को जायस थाने से पुलिस कर्मी पिकअप से लेकर गांव पहुंचे। महिला के गांव पहुंचते ही मृतक के परिजनों ने हंगामा कर दिया। पुलिस कर्मी किसी तरह बच बचाकर महिला को वापस थाने ले आई। इधर, पुलिस की इस कार्रवाई से मृतक के परिजन नाराज हैं। इंस्पेक्टर का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी।जायस कोतवाली क्षेत्र के गंगाराम का पुरवा गांव निवासी संतोष यादव (25) की पानी भरने के विवाद में दंपति ने परिवार वालों के साथ मिलकर रविवार को पिटाई कर दी थी। संतोष की मौत हो गई थी। मंगलवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने मृतक की पत्नी माधुरी की तहरीर पर गांव के ही राजकरन, उसकी पत्नी सुमन सहित चार लोगों पर हत्या का केस दर्ज किया थापुलिस ने आरोपी सुमन को हिरासत में लिया था। अंतिम संस्कार के बाद परिजन घर पर मौजूद थे। तभी थाने का एक सिपाही आरोपी महिला को पिकअप वाहन से लेकर उसके घर पहुंचा। आरोपी महिला अपने मवेशी को वाहन में लाद रही थी। तभी मृतक के परिजन पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। किसी तरह सिपाही वाहन पर लदे मवेशी व आरोपी महिला को लेकर थाने पहुंचा। पहले तो जिम्मेदार अंजान बनते रहे, लेकिन मामले को तूल पकड़ता देख सिपाही की भूमिका जांच कराने को तैयार हुए।
एसएचओ रवि सिंह ने बताया कि आरोपी महिला की ओर से मवेशी के भूखे-प्यासे होने की बात कही तो मौजूद सिपाही उसके संग गांव चला गया। जांच में दोषी मिलने पर संबंधित सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

गम में डूबा परिवार
संतोष यादव की मौत के बाद उसके परिवार पर गमो का पहाड़ा टूट पड़ा। मंगलवार को उसके शव के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थीं। तभी उसके घर पर लोगों की भीड़ जुटी थी। परिजन बिलख कर रो रहे थे। उसकी पत्नी व अन्य परिजन का हाल बेहाल रहा। एहतियात के तौर पर पुलिस मौजूद रही।

पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
जायस (अमेठी)। युवक की मौत के बाद आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं दिखाई। मंगलवार को आरोपी महिला को लेकर गांव पहुंचना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है। लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएं हैं। कोई पुलिस पर आरोपियों को बचाने की बात कह रहा है, तो कोई पुलिस पर जानबूझ कर हिरासत में लिए गए आरोपियों का चालान कोर्ट नहीं भेजने की बात कह रहा है। हालांकि इंस्पेक्टर का दावा है कि जांच कराई जा रही है।
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