विचाराधीन कैदी ने जेल प्रबंधन पर लगाए गर्म सरिये से पीठ पर गैंगस्टर लिखने के आरोप

in #crime2 years ago

विचाराधीन कैदी ने जेल प्रबंधन पर लगाए गर्म सरिये से पीठ पर गैंगस्टर लिखने के आरोप

-डीआईजी बोले : हवालाती ने खुद लिखा गैंगस्टर, पुलिस को दी है शिकायत-
-संदेह के घेरे में आई केन्द्रीय जेल फिरोजपुर की कार्यप्रणाली-
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फिरोजपुर

केन्द्रीय जेल में संगीन आरोपो में बंद एक विचाराधीन कैदी की पीठ पर नुकीली चीज से गैंगस्टर लिखा पाया गया है। बेशक जेल प्रशासन इसे विचाराधीन कैदी द्वारा जेल को बदनाम करने की साजिश बताया जा रहा है, लेकिन जो वीडियो वॉयरल हुई है, उसमें बंदी द्वारा जेल प्रशासन पर ऐसा जुल्म करने के आरोप लगाए गए है। विचाराधीन कैदी तरसेम सिंह का कहना है कि जेल में गर्म सरिये से उसकी पीठ पर गैंगस्टर लिख कर उसे प्रताडि़त किया गया है। विचाराधीन कैदी की पहचान तरसेम सिंह के रूप में हुई है, जोकि कपूरथला का रहने वाला है। घटना 10 अगस्त की बताई जा रही है। बेशक जेल अधिकारी इस बाबत पुलिस को सूचित करने की बात कह रहे है, लेकिन सूत्र बताते है कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। सुरक्षा ऐजंसिया भी इस मामले से खुद को अनजान बता रही है।
पता चला है कि युवक को जब बुधवार को कपूरथला की अदालत में पेश किया गया तो उसने अदालत में पीठ पर गैंगस्टर लिखा दिखाया, जिसके बाद कोर्ट ने सरकारी अस्पताल में मैडिकल करवाने के आदेश दिए है।

सवाल जो मांगते है जवाब
सवाल यह उठता है कि आखिर जेल में नुकीली चीज आई कैसे और विचाराधीन कैदी की पीठ पर किसने और कब लिखा ? वीडियो वॉयरल होने की बाद फिरोजपुर जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है। जेल सुपरीटेंडैंट परविन्द्र सिंह से इस बारे जब फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।

बाक्स
हवालाती ने खुद लिखा गैंगस्टर : डीआईजी

डीआईजी जेल तेजिंदर सिंह मौड़ ने बताया कि विचाराधीन कैदी द्वारा जेल प्रबंधन को बदनाम करने की नीयत से ऐसी घटना को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि विचाराधीन कैदी ने खुद ही किसी से अपनी पीठ पर गैंगस्टर शब्द लिखवाया है। उन्होंने कहा कि 10 को इसे अन्य साथियों से अलग किया गया था, जिसके बाद इसने 11 को जेल प्रशासन से माफी मांगी। इसका सिविल अस्पताल से उपचार करवाया गया, जिसके बाद ही इसे कोर्ट में ले जाया गया था। डीआईजी ने कहा कि जेल में बंदियो में आपसी झगड़े होना आम बात है। पीठ के पीछे जो शब्द लिखे है, वह कैदी ने अपने साथी से लिखवाया है ताकि जेल प्रशासन को बदनाम किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस बारे उनके द्वारा एसएसपी को लिखित शिकायत भी दी जा चुकी है।
सूर्खियो में रही है केन्द्रीय जेल

अंग्रेजो के जमाने की बनी केन्द्रीय जेल में 1236 बंदी रखने की समर्था है, लेकिन यहां पर बंदिया की संख्या अधिक होने के अलावा जेल में गंभीर आरोपो में बंद गैंगस्टर सहित अन्य कैदी व विचाराधीन कैदी भी बंद है। इस साल जेल से 200 से ज्यादा मोबाइल फोन भी पकड़े जा चुके है, जोकि जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्र चिन्ह् लगाता है।

पिता ने बताया कि एसटीडी से फोन आया था कि पुलिस ने उनके बेटे को मारा है। बाद में उन्हें पता चला कि इसकी कमर को साडऩे की कोशिश की गई है। भावुक होकर पिता ने कहा कि जेल में ही उसके बेटे पर विभिन्न मामले दर्ज किए गए है। पुलिस उसके बेटे को नशा बेचने को उकसाती थी, जब उसके बेटे ने ऐसा नही किया तो उस पर झूठे मामले दर्ज कर दिए।
तरसेम सिंह की वृद्ध माता ने कहा कि उसका बेटा पांच वर्ष से जेल में बंद है। कुछ दिन पहले उसकी बात बेटे से हुई थी और बेटे ने खुद को परेशान बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन द्वारा उसके बेटे को मारा जा सकता है।

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