लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता पर हमले को लेकर लोगों ने जताई चिंता

in #crime2 months ago

खबर रोके जाने को पत्रकार के खिलाफ थाने में दी गई तहरीर पर बोले लोग, सत्य को दबाने का किया जा रहा है प्रयास मथुरा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया द्वारा सत्य उजागर करने पर निशाना बनाकर पत्रकारों को झूठे मामलों में फसाने का चलन कोई नया नहीं है। खबरों से तिलमिलाए चोलाधारी और सफेदपोश अपराधियों द्वारा पत्रकारों पर जानलेवा हमले होते आए हैं।

ऐसी परिस्थिति वश पूर्व में कई पत्रकारों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। सदियों से मिलती आ रही चुनौतियों के बावजूद लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता समाज में सत्य और न्याय की आवाज उठाते हुए तमाम जोखिमों के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करता रहा है। अति जोखिम से भरी पत्रकारिता से जुड़े पत्रकारों को भ्रष्ट नेताओं, अपराधी, तस्करों, चोलाधरी तथाकथित धर्मात्माओं और पुलिस के दबाव का सामना करते हुए पत्रकार अपनी जिम्मेदारी को निभाता आया है।

विकट परिस्थितियों में भी सच्चाई की खोज और उसे जनता के समक्ष लाने के लिए एक पत्रकार जोखिमों की परवाह किए बगैर अपने कर्तव्य को निभाते हुए पत्रकारिता धर्म का पालन करता है। समाज में कुकूरमुत्ते की भांति उगे असमाजिक तत्तों की बीच असुरक्षित पत्रकारिता का यह संघर्ष एक बेहतर समाज और न्यायपूर्ण विश्व के निर्माण में योगदान देने का काम करता रहा है जिसके लिए पत्रकार संगठनों को आगे आकर वैश्विक स्तर पर पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा करने के दायित्व का निर्वहन करना अति आवश्यक है।

खबर पढ़ने के बाद लोगों की प्रतिक्रया
खबरों के प्रकाशन को रोकने के लिए थाना बरसाना में दी गई तहरीर पर समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई खबर जैसे ही बरसाना में व्हाट्सएप पर लोगों के बीच पहुंची तो इस पर लोगों की त्वरित प्रतिक्रया देखने को मिली। खबर को टैग करते हुए आचार्य किशोरी श्याम गोस्वामी सेवाधिकारी श्री राधा रानी महल बरसाना ने लिखा कि ये सरासर बहुत ही निंदापूर्ण कार्य है, अगर कोई गलत समाचार प्रकाशित रहा हो तो उसके खिलाफ प्रमाण सहित उसे प्रस्तुत करें।

ऐसे अनर्गल शिकायतों से कुछ नहीं होता, निस्तारण हेतु पुलिस विभाग भी सक्षम है। जिम्मेदारी के साथ सत्य लिखी जा रही खबरों पर किशोरी श्याम गोस्वामी ने अपना आशिष देते हुए खबरों को जारी रखने की बात कही। अधिवक्ता हेमंत सिंह लिखते है कि पत्रकारों की सत्यता की आवाजों को जो दबाने की कोशिश की जा रही है, इससे लगता है कि कोई व्यक्ति सत्य को दबाना चाहता हैं।

वरिष्ठ अधिवक्ता व मीडिया प्रभारी, मान मंदिर गोकलेश कटारा ने प्रार्थना पत्र देने वाले व्यक्ति पर कटाश करते हुए लिखते है कि क्या खबरों को थाना बरसाना रोक सकता है? क्या प्रार्थना पत्र देने वाले को यह नहीं पता कि यह प्रार्थना पत्र कहां देना चाहिए? खबरों को लेकर मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने लिखा कि यदि किसी समाचार पत्र में कोई खबर गलत निकलती है तो इसकी पुष्टि उसे समाचार पत्र के संपादक महोदय से करके उस खबर पर विचार किया जा सकता है

और संपादक महोदय को लिखित में प्रार्थना पत्र देकर गलत खबरों पर रोक लगाई जा सकती है या कानूनी कार्यवाही नोटिस देकर की जा सकती है। लेकिन खबर निराधार और गलत होनी चाहिए, जिस किसी व्यक्ति विशेष को कोई क्षति हो रही हो।

कानूनी जानकारी देते हुए अमित गोस्वामी लिखते हैं कि बिना तथ्य देखे असत्य व भ्रामक खबर के लिए आईपीसी सेक्शन 505 एवं 506 के तहत दण्ड भी निर्धारित है। बरसाना के टीकम सिंह लिखते है कि अपने गलत कार्यों को रोको और पूरी ईमानदारी के साथ कार्य करो तो खबर छपना स्वाभाविक ही बंद हो जायेगी।

प्रार्थना पत्र में किसकी ओर से क्या लिखा गया है यह पढ़ने की जिज्ञासा वश प्रार्थना पत्र को साझा करने की बातें भी लिखी गई, जो थाना बरसाना की ओर से न तो दिया गया और न ही प्रार्थी का नाम बताया गया। थाना बरसाना की ओर से ऐसा किए जाने के पीछे का उद्देश्य स्पष्ट नहीं हो पाया है, जो बरसाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।