जज से लेकर साइबर एक्सपर्ट तक को ठग रहे साइबर ठग, धोखाधड़ी करने को अपना रहे नए-नए पैंतरे।

in #crime2 years ago

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उत्तर प्रदेश में साइबर ठग अब नई नई ट्रिक अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। आम जनता ही नहीं ये ठग तो साइबर सेल के लोगों पर भी हाथ साफ कर चुके हैं। हर चीज़ ऑनलाइन हो गई है जिससे सहूलियत बढ़ी है लेकिन साथ ही सतर्कता भी बढ़ानी होगी।

आपको बता दें कि लखनऊ के साइबर क्राइम थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर को एसबीआई बैंक के नाम से एक मैसेज आया जिसमें कहा गया था कि लिंक पर क्लिक कर KYC करें, दारोगा ने जैसे ही KYC करने के लिए लिंक खोला उनके एकाउंट से 49,962/- रुपये कट गए। उन्हें यह समझ में आ गया कि जिन साइबर क्रिमनल्स को पकड़ने के लिए वो दिन रात काम करते हैं, उन्हीं क्रिमनल्स ने उन्हें ठग लिया है. इसके बाद उन्होंने विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया। ये तो थे साइबर सेल के इंस्पेक्टर, ऐसा ही कुछ इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज के साथ भी हुआ। विभुतिखंड थाने में ही जज साहब का मामला भी दर्ज किया गया था.

जानकारी के अनुसार जज साहब के व्यक्तिगत मोबाइल नंबर पर बिजली विभाग के नाम पर एक मैसेज आया, जिसमें यह कहा गया कि आपका बिजली का बिल जमा नहीं है. अगर आज की तारीख में नहीं जमा किया तो बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा. बिल जमा करने के लिए ठगों ने एक एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए भी कहा था। लेकिन जब साहब इस तरह की साइबर क्राइम की गतिविधियों के प्रति जागरूक थे, जिस कारण उनके खाते की रकम बच गयी.

साइबर सेल के अधिकारी के अनुसार सायबर ठग यूपी के बाहर से अपना नेक्सस चलाते है, जिसमें ज्यादातर पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा और राजस्थान के हैं। इससे बचने का एक ही रास्ता है जागरूकता, जो जागरूक है उसके साथ साइबर ठगी नहीं हो सकती है। माना जाता है कि इस तरह के क्राइम प्रायः लापरवाही के चलते होते हैं, साइबर ठग नए-नए ढंग ठगने के लिए अपनाते है। इसके लिए जरूरी है कि जागरूक रहने की। KYC जैसे मैसेज का रिप्लाय नहीं करना चाहिए, इसके लिए बैंक की अधिकारिक वेबसाइट के जरिये ही KYC करें।

वहीं इस तरह के मामलों की शिकायत www.CyberCrime.Gov.in पर कर सकते हैं, वेबसाइट पर जाकर ईमेल से भी शिकायत की जा सकती है. भारत सरकार ने 155260 हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत की थी। इस हेल्पलाइन नंबर पर साइबर फ्रॉड से संबंधित किसी भी शिकायत को दर्ज किया जा सकता है। इस नंबर की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए की थी। इसे RBI, Payment Banks और अन्य मुख्य बैंकों की मदद से इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ऑपरेट करता है। 155260 पर फोन करने के बाद मामला राज्य की पुलिस के पास ट्रांसफर कर दिया जाता है। पुलिस ऑपरेटर फ्रॉड ट्रांजैक्शन डिटेल और अन्य पर्सनल जानकारी दर्ज करता है।