जिले में फैला खनिज माफियाओं का जाल

in #crime2 years ago

जिले में फैला खनिज माफियाओं का जाल

पहाड़ बन रहे हैं मैदान ,नदियां खो रही हैं अपना स्वरूप खनिज विभाग मौन

सीहोर | IMG-20220515-WA0022.jpgसीहोर जिले में इन दिनों खनिज माफियाओं का जाल फैला हुआ है खनिज माफिया मनमाने तरीके से जिले भर में अवैध उत्खनन कर पहाड़ों को मैदान बना रहे हैं तो वहीं नदियों के स्वरूप को बदल रहे हैं इसका लाभ किसान भी उठाने में नहीं चूक रहे हैं | जहां खनिज माफियाओं द्वारा पहाड़ों को मैदान बना दिया गया है वही किसानों ने अपनी जमीन का दायरा बढ़ाकर अपनी खेती को बढ़ाने को अंजाम दिया है | खनिज माफियाओं के कारण ही पहाड़ों पर जब मैदानी जमीन बन रही है तो किसान भी अतिक्रमण करने में नहीं चूक रहे हैं इससे खनिज विभाग को करोड़ों का नुकसान हो रहा है |जब किसी ठेकेदार द्वारा लीज एवं रॉयल्टी ली जाती है तो जितनी जगह की लीज ली जाती है उस से दुगनी जगह पर उत्खनन कर करोड़ों रुपए का चूना खनिज विभाग को लगाया जा रहा है और खनिज विभाग मूकदर्शक बनकर बैठा हुआ है | चर्चा यह है कि खनिज विभाग की मिलीभगत के कारण ही ठेकेदार एवं खनिज माफियाओं के हौसले बुलंदी पर हैं खनिज माफियाओं ने हाल ही में सीहोर के पास स्थित कोनाजीर के पास की पहाड़ी पर उत्खनन कर उसे मैदान बना दिया है और पहाड़ी का स्वरूप भी बिगाड़ दिया है | ज्ञात रहे कि यह पहाड़ी सौंदर्य के रूप में जानी जाती थी आज इसका स्वरूप ही बिगड़ गया है इस सबके पीछे खनिज विभाग की मिलीभगत एवं कारगुजारीयो के कारण ही यह संभव हो रहा है यही नहीं यह पहाड़ी अपना अस्तित्व खो रही है और किसान लोग अपनी जमीन का क्षेत्रफल बढ़ाकर खेती किसानी करने में इस जगह का उपयोग कर रहे हैं | ऐसे ही हालात पार्वती नदी के हैं ज्ञात रहे कि विगत कई महीनों से शहर के तथाकथित ठेकेदार एवं खनिज माफिया कायरी कदीम के पास पार्वती नदी का स्वरूप बिगाड़ने में लगे हुए हैं इस क्षेत्र से कई डंपर बजरी एवं रेत एवं गिट्टी का उत्खनन कर ले जा रहे हैं | चर्चा यहां तक है कि डायनामाइट लगाकर गिट्टी का उत्खनन कर रहे हैं इससे पार्वती नदी का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है यदि समय रहते खनिज विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तो खनिज माफियाओं का जाल और फैल जाएगा दुगुने उत्साह के साथ सक्रिय होकर खनिज माफिया प्रदेश की धरोहर को नुकसान पहुंचाते रहेंगे और शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान होता रहेगा इसके लिए पूर्ण रूप से खनिज विभाग ही जिम्मेदार है|