कर्नाटक में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या : अपनी ही पार्टी से ख़फा क्यों है कार्यकर्ता
कर्नाटक में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या : अपनी ही पार्टी से ख़फा क्यों है कार्यकर्ता
ashishchaudhary (56) in crime • yesterday
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शायद ही कोई मुख्यमंत्री अपनी सरकार का पहला साल पूरा होने की खुशी में होने वाले जश्न समारोहों को रद्द करना चाहेगा. कर्नाटक के सीएम वासवराज बोम्मई के मामले में ऐसी उम्मीद तो बेमानी ही होती. उनके लिए तो यह और भी ज़्यादा खुशी का मौका था क्योंकि उनके पिता सिर्फ़ आठ महीने ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रह पाए थे. लेकिन वासवराज ने सरकार में एक साल पूरा कर लिया है.
कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता में आए तीन साल हो गए हैं. पहले दो साल बीएस येदियुरप्पा ने सरकार चलाई थी. तीसरे साल बोम्मई के हाथ में सत्ता आई.
बोम्मई ने अपनी सरकार के एक साल पूरा होने पर होने वाले आयोजन को रद्द करने का ऐलान अपने आवास पर आधी रात को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया. इसमें कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष नवीन कुमार कतील भी मौजूद थे.
वह उसी वक्त मेंगलुरू से बेंगलुरू लौटे थे. पार्टी अध्यक्ष के तौर पर उन्हें उस अनुभव से गुज़रना पड़ा था, जिससे होकर अब तक राज्य का कोई बीजेपी अध्यक्ष नहीं गुज़रा था.
कतील को पार्टी कार्यकर्ताओं का भारी गुस्सा झेलना पड़ा था. कार्यकर्ता दक्षिण कर्नाटक जिले में सुलिया तालुक के बेल्लारे में स्थानीय बीजेपी की हत्या पर गुस्से से पागल थे. कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष की कार का घेराव किया. वे उन पर चिल्ला रहे थे