इशरत जहां मामले की जांच करने वाला आईपीएस अधिकारी बर्ख़ास्त, सुप्रीम कोर्ट पहुँचे
इशरत जहां मुठभेड़ मामले की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को सेवा से बर्ख़ास्त कर दिया गया है.
उन्होंने सेवा से बर्खास्त करने के गृह मंत्रालय के निर्णय को लागू करने की अनुमति देने वाले हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
गृह मंत्रालय ने 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी को बर्ख़ास्त करने के आदेश दिए थे. उन पर गलत व्यवहार करने के आरोप लगे थे और अनुशासनात्मक जांच के बाद यह कार्रवाई की गई.
यह आदेश 30 सितंबर को उनकी सेवानिवृत्ति से क़रीब एक महीने पहले आया है. वर्मा फ़िलहाल कोयंबटूर में सीआरपीएफ में कार्यरत हैं.
वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं.
हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय को विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद वर्मा के ख़िलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दे दी. वर्मा पर कई आरोपों में से यह आरोप भी था कि उन्होंने नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन, शिलांग के सतर्कता अधिकारी (चीफ विजिलांस ऑफिसर) रहते हुए 'मीडिया' से बात की.
हाई कोर्ट ने 30 अगस्त को अपने आदेश में कहा था कि वर्मा के ख़िलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई बिना कोर्ट की अनुमति के नहीं लागू की जानी चाहिए. इस आदेश के बाद, केंद्र ने अपनी कार्रवाई को लागू करने के लिए एक बार फिर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसके बाद कोर्ट ने गृह मंत्रालय को अनुमति दे दी.
कोर्ट की खंड पीठ ने केंद्र को आदेश लागू करने की अनुमति देते हुए कहा कि यह निर्देश दिया जाता है कि आदेश को 19 सितंबर तक लागू न किया जाए ताकि याचिकाकर्ता को उपलब्ध कानूनी रास्ता उठा सकें.