उत्तर प्रदेश: रेप मामले में बरी हुए बसपा सांसद अतुल राय, युवती ने किया था आत्मदाह

in #crime2 years ago

4f8d24d5-cc41-4e18-a00c-f4e863298d98.jpg

मऊ ज़िले की घोसी संसदीय सीट से बसपा सांसद अतुल राय को वाराणसी की एक अदालत ने रेप के एक मामले में बरी कर दिया है. आरोप लगाने वाले पक्ष के वकील राजेश यादव और सरकारी वकील ज्योति शंकर उपाध्याय ने बीबीसी से इस फ़ैसले की पुष्टि की है.

नैनी जेल में बंद सांसद अतुल राय पर बलिया की एक युवती ने 2019 में वाराणसी के लंका थाना में रेप का मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में आरोप लगाने वालीं युवती और उनके एक दोस्त ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह किया जिसमें उनकी मौत हो गई थी.

सरकारी वकील ज्योति शंकर उपाध्याय ने बीबीसी को इस फैसले के बारे में बताया कि शनिवार तकरीबन 10:30 बजे अतुल राय को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से अदालत ने यह फ़ैसला सुनाया.

ज्योति शंकर उपाध्याय ने यह भी बताया कि इस फ़ैसले से अतुल राय जेल से रिहा नहीं होंगे क्योंकि उनके ख़िलाफ़ दूसरे मुकदमे भी हैं जिनमें उन्हें जमानत नहीं मिली है.

युवती के वकील राजेश यादव ने बीबीसी से कहा कि अभी फ़ैसला सिर्फ़ मौखिक रूप से सुनाया गया है और आदेश की कॉपी में कुछ सुधार किए जा रहे हैं. कॉपी मिलने के बाद ही साफ़ हो पाएगा कि आखिरकार अदालत ने किस बुनियाद पर अतुल राय को बरी किया.

क्या है पूरा मामला?

वकील राजेश यादव ने बताते हैं, "2019 में युवती की तरफ़ से अभियुक्त अतुल राय के ख़िलाफ़ रेप का केस दर्ज कराया गया था. जब वो केस चल रहा था तब अभियुक्त ने पीड़िता को बहुत परेशान किया. उनके गवाह सत्यम राय और उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि ये लोग (16 अगस्त 2021 को) सुप्रीम कोर्च जाकर आत्मदाह करते हैं जहां उनकी मृत्यु हो जाती है."

राजेश यादव ने बताया, "आत्मदाह के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इसकी जांच हुई और इसमें विवेचना अधिकारी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई. कुछ अधिकारियों को बर्खास्त किया गया."

आरोप लगाने वालीं युवती के वकील ने आगे बताया, "ये जो फ़ैसला आया है वो रेप के केस का है जो लंका थाना वाराणसी में 2019 में दर्ज हुआ था. मामले में युवती का आरोप था कि इन्होंने (अतुल राय) उनका रेप किया और उसकी वीडियो बनाई. फिर वीडियो की धमकी देकर के इन्होंने कई बार युवती का रेप किया."

वकील ने रेप की घटना के बारे में बताया, "देखिए एफ़आईआर चार सौ बीस दिन बाद दर्ज होती है. घटना के 420 दिन बाद तो आप ये समझ जाइये की वो घटना 2017 के बीच के लगभग है."

ये सुनवाई अपर और ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट एडीजे-6 में हुई. इस मामले की सुनवाई पहले इलाहाबाद में चलती थी. .

युवती के वकील के मुताबिक, "इस मामले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई हुई थी. तत्कालीन सीओ अमरेंद्र सिंह बघेल की बर्खास्तगी हुई थी. उनके ख़िलाफ़ भी एमपी एमएलए कोर्ट एडीजे-6 में ही मुकदमा चल रहा है."