गोरखपुर में पिता-दो बेटियों के शव लटके मिले

in #crime2 years ago

गोरखपुर में पिता-दो बेटियों के शव लटके मिले:

घर का मेन गेट खुला था, कागज में तोतों का जिक्र; हत्या या सुसाइड में उलझी पुलिस

गोरखपुर में मंगलवार सुबह पिता और दो नाबालिग बेटियों के शव फंदे से लटके मिले हैं। बेटियों के शव पंखे पर दुपट्‌टे से लटके थे, जबकि पिता का दूसरे कमरे में पंखे पर लटका था। कमरे में एक सुसाइड नोट मिला है। यह तोते के पिंजड़ों के पास रखा था। इसमें दोनों तोतों को पिंजड़े से उड़ा देने का जिक्र था।
हालांकि, पुलिस इसकी हैंडराइटिंग की जांच करवा रही है। घर का मेन गेट खुला था। यह सामूहिक सुसाइड है या हत्या? अब तक क्लीयर नहीं है। मौके पर पहुंची पुलिस ने एविडेंस कलेक्ट किए हैं। परिवार बिहार के सीवान का रहने वाला था। 30 साल पहले गोरखपुर शिफ्ट हो गया था।
घटना शहर के शाहपुर इलाके के गीता वाटिका स्थित घोसीपुरवा की है। जितेंद्र श्रीवास्तव (45) अपनी दो बेटियों मान्या श्रीवास्तव उर्फ रिया (16) और मानवी श्रीवास्तव उर्फ जिया (14) के साथ रहते थे। उनके साथ पिता ओम प्रकाश (65) भी रहते थे। वह प्राइवेट गार्ड हैं। बगल में जितेंद्र के भाई का घर है। जितेंद्र की पत्नी की दो साल पहले कैंसर से मौत हो चुकी है।IMG-20221115-WA0137.jpgजितेंद्र टेलरिंग का काम करते थे।
रोज बंद रहता था मेन गेट, आज खुला था
मंगलवार सुबह पिता ओम प्रकाश नाइट ड्यूटी करके घर पहुंचे। ओम प्रकाश जब ड्यूटी पर रात में जाते थे तो बाहर से ताला लगाकर जाते थे, ताकि सुबह आने पर वो खुद बाहर से गेट खोलकर आ जाएं। लेकिन, मंगलवार सुबह जब लौटे तो गेट पहले से खुला था। वह अंदर पहुंचे तो चीख पड़े। एक कमरे में उनकी दोनों पोतियों मान्या और मानवी के शव लटके थे। दूसरे कमरे में बेटे जितेंद्र का शव लटका हुआ था। ओम प्रकाश चिल्लाते हुए बाहर भागे। उन्होंने बेटे और पोतियों की हत्या करके शव को लटकाए जाने की आशंका जताई है।IMG-20221115-WA0131.jpg मृतक के पिता ओमप्रकाश।

बगल में ही दूसरे बेटे नीतीश का घर है। वह और पड़ोसी भागते हुए पहुंचे। अंदर का सीन देखकर रूह कांप गई। तुरंत पुलिस को सूचना दी। एक घर से तीन शवों के लटके होने की सूचना पर हड़कंप मच गया। कुछ ही देर में पुलिस के सीनियर अफसर मौके पर पहुंच गए। फोरेंसिक टीम को बुलाया गया।
घर में मिला सुसाइड नोट, दोनों तोता छोड़ने का जिक्र
जितेंद्र उनकी दोनों बेटियां ने घर में चार साल पहले दो तोते पाले थे। दोनों तोते का नाम पैब्लो और लीली रखे थे। पुलिस को घर में दोनों तोते कपड़े से ढकें मिले। पास में सुसाइड नोट पड़ा हुआ था। इसमें लिखा था- हमारे मरने के बाद दोनों तोते को छोड़ दिया जाए। हालांकि, जब परिवार के लोगों ने तोतों को बाहर निकालकर उड़ाने की कोशिश की तो तोते नहीं उड़े। पुलिस ने दोनों तोते को कब्जे में ले लिया है।IMG-20221115-WA0132.jpg
जहां यह घटना हुई वह बेहद घना इलाका है। पतली गलियों में लोगों के घर बने हुए हैं।

एक दिन पहले स्कूल कार्यक्रम में शामिल हुईं, घर आकर लिट्‌टी-मीट बनाई
मृतक के छोटे भाई नीतीश ने बताया कि मान्या और मानवी घर के पास आवास विकास कॉलोनी स्थित सेन्ट्रल एकेडमी स्कूल में कक्षा 9 और 7 में पढ़ती थीं। दोनों होनहार थीं। स्कूल प्रशासन ने बताया कि एक दिन पहले सोमवार को बाल दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में दोनों ने भाग लिया था। ऐसे में सामूहिक सुसाइड की बात किसी के गले नहीं उतर रही है। वजह यह है कि अगर इतनी ज्यादा मुसीबतें थीं तो बेटियां कल्चरल प्रोग्राम में कैसे शामिल होतीं? प्रोग्राम से लौटने के बाद दोनों बेटियों ने लिट्टी और मीट बनाई थी। दादा ओम प्रकाश खाना खाकर काम पर चले गए।
23 साल पहले ट्रेन से कट गया था जितेंद्र का पैर
जितेंद्र घर में ही सिलाई का काम करते थे‌। गांव से गोरखपुर आते समय मैरवा स्टेशन पर 1999 में ट्रेन से एक पैर कट गया था। कृत्रिम पैर के सहारे घर में ही सिलाई करते थे, जबकि उनकी पत्नी सिम्मी की दो साल पहले कैंसर से मौत हो गई है। अच्छी कपड़े की सिलाई करने से क्षेत्र में अच्छे टेलर मास्टर के रूप में पहचान थी। इसलिए घर पर ही कपड़ा सिलाने के लिए लोग आते थे। जितेंद्र के पिता ओमप्रकाश मूलत: बिहार के गुठनी थाना क्षेत्र सिवान के रहने वाले हैं। गोरखपुर के घोसीपुरवा में 30 साल से मकान बनवा कर रह रहे थे।IMG-20221115-WA0136.jpg
ये तस्वीर जितेंद्र और मान्या की है। गांव से गोरखपुर आते समय मैरवा स्टेशन पर 1999 में ट्रेन से जितेंद्र का एक पैर कट गया था। उन्हें कृत्रिम पैर लगा है।

बेटियां खुद नहीं लगा सकतीं फांसी?
पुलिस के मुताबिक, 9वीं और 7वीं में पढ़ने वाली लड़कियां एक साथ दोनों फांसी लगाकर सुसाइड नहीं कर सकतीं। अगर, दोनों ने मौत का फैसला किया भी था तो एक साथ ऐसा करते समय दोनों एक-दूसरे को देखकर टूट जाएंगी। ऐसे में माना जा रहा है कि पिता या किसी और ने पहले बेटियों को फंदे से लटकाया होगा और फिर या तो पिता ने खुद सुसाइड कर लिया या फिर उसे भी फंदे से लटका दिया।IMG-20221115-WA0133.jpg
SSP बोले- घटना वाली जगह से कुछ चीजें मिली हैं

आस-पास के लोगों के मुताबिक, जितेंद्र परिवार में लोगों से कम बातचीत करता था। SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि घटना वाली जगह से कुछ चीजें मिली हैं, जिसकी शुरुआती जांच से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि घटना सुसाइड है। कुछ कर्ज और परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात भी सामने आ रही है। पुलिस हर एक एंगल पर जांच कर रही है।

दोनों भाई का हो चुका था बंटवारा
जितेंद्र के साथ किसी का विवाद भी नहीं था। कुछ साल पहले दूसरे भाई नीतीश से बंटवारा भी हो गया। पिता गार्ड हैं, इसलिए उन्हें साथ रखने की दोनों बेटों की इच्छा थी, लेकिन पिता ओम प्रकाश जितेंद्र के साथ ही रहते थे। वहीं, शुरुआती जांच में ये परिवार के करीब 12 लाख रुपए से अधिक कर्ज में डूबे होने की बात सामने आई है।

हत्या या सुसाइड? इन सवालों के जवाब तलाश रही पुलिस

क्या तीनों ने सुसाइड का फैसला एक साथ किया है। अगर ऐसा होता तो फिर बेटियां कल्चरल कार्यक्रम में क्यों शामिल होतीं?
पुलिस का मानना है कि तीनों एक साथ सुसाइड नहीं कर सकते। क्योंकि, किसी एक के टूट जाने की संभावना रहती है?
जिस घोसीपुरवा इलाके में घटना हुई वहां घनी बस्ती है। छोटे-छोटे मकान हैं। ऐसे में अगर किसी के घर में चम्मच भी गिरता है तो दूसरे घर तक आवाज पहुंच जाती है।
क्या पिता ने पहले दोनों बेटियों की हत्या करके शव लटकाए, फिर खुद सुसाइड किया? अगर ऐसा हुआ है तो फिर इसकी वजह क्या रही होगी?
जांच में किसी बाहरी व्यक्ति के शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं?