अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की वर्दी बी दागदार , 5 लाख की रिश्वत मांगी एसीबी का हैड कांस्टेबल

in #crime2 years ago

ACB.jpg-सत्यापन के बाद मामला दर्ज ,आरोपी हैड कांस्टेबल फरार
चित्तौडग़ढ़। यूं तो भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का गठन भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और भ्रष्टाचारियों को सींखचों पर पहुंचाने के लिए किया गया है ताकि आम लोगों का काम बिना रिश्वत के हो सके, लेकिन जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्मिक ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो तो उसे क्या कहा जा सकता है ऐसा ही एक मामला सामने आया जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अपने ही हेड कांस्टेबल के खिलाफ रिश्वत की मांग करने का मुकदमा दर्ज किया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर की चौकी पर रमेश शर्मा हेड कांस्टेबल तैनात है और चित्तौडग़ढ़ जिले के गंगरार के तहसीलदार के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के मामले में वह गंगरार आया था और तहसीलदार की जांच कर रहा था। इसी दरमियान ब्यूरो के हैड कांस्टेबल रमेश शर्मा ने गंगरार के तहसीलदार से 5 लाख रूपये की मांग की थी। यह मांग एक दलाल के मार्फत की थी। ब्यूरो को इसकी भनक लग जाने पर एक टीम बनाकर इस मामले का सत्यापन कराया गया और सत्यापन के दौरान तहसीलदार से दलाल ने दो लाख रूपए प्राप्त कर लिए।
भनक लगने से हुआ फरार
इस मामले में जानकारी मिली है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दलाल को दो लाख रूपये देकर डिमांड का सत्यापन होने के बाद 3 लाख रूपये की और डिमांड की और एसीबी ने अपना पूरा जाल बिछा लिया लेकिन उसे इसकी भनक लग गई और हैड कांस्टेबल रमेश शर्मा फरार हो गया। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने हैड कांस्टेबल के खिलाफ रिश्वत की मांग करने का मुकदमा दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। जांच प्रमाणित होने के बाद हैड कांस्टेबल के
खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
शिकायत पर हो रही थी जांच, पहले मांगे थे 30 लाख
जानकारी मिली है कि गंगरार के तहसीलदार नरेश गुर्जर के खिलाफ किसी व्यक्ति ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। यह शिकायत जनवरी माह में दर्ज हुई थी और इसके बाद हैड कांस्टेबल रमेश शर्मा ने किसी दलाल के मार्फत मिलने का ऑफर दिया और बाद में 30 लाख रूपये देकर मामले का रफा दफा करने को कहा तो तहसीलदार के हाथ पैर फूल गये। तहसीलदार नरेश गुर्जर ने एसीबी मुख्यालय को इस संबंध में अवगत कराया और दलाल के माध्यम से 5 लाख रूपये का समझौता किया और 9 फरवरी को एसीबी ने इस मामले का सत्यापन किया और रिकॉर्डिंग कर 2 लाख दे दिये, लेेकिन शेष 3 लाख रूपये की राशि दिए जाने के दौरान हैड कांस्टेबल रमेश शर्मा भाग गया। इसके बाद एक बार फिर प्रयास किया लेकिन जब वो रूपया लेने नहीं आया तो भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है।