पटाखों पर बैन को लेकर हुई ताजा स्टडी, उत्तर भारत के करोड़ों लोगों को खुश कर देंगे नतीजे
दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध का असर दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं, इंडो गेंगेटिक प्लेन (भारत-गंगा के मैदानी इलाकों) के सभी राज्यों में देखने को मिला है। सर्दियों के दिनों में इन सभी राज्यों की वायु गुणवत्ता सुधरी है। दरअसल, बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखों को फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
दरअसल, पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआइएमईआर) चंडीगढ़ और पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) चंडीगढ़ के शोधकर्ताओं ने भारत-गंगा के मैदानी इलाकों के राज्यों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए लागू पटाखों पर प्रतिबंध की प्रभावशीलता का अध्ययन किया है।
बता दें कि 2020 की दिवाली के दौरान किए गए इस अध्ययन में भारत-गंगा के मैदानी क्षेत्र का हिस्सा प्रमुख राज्यों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल शामिल थे।
डा सुमन मोर ने उल्लेख किया कि 2017 से 2020 तक दिवाली के दौरान सभी इंडो-गेंगेटिक प्लेन के मैदानी राज्यों की वायु गुणवत्ता का आकलन किया। इसमें पाया गया कि पटाखे जलाने से सभी राज्यों में वायु गुणवत्ता खराब होती है और सबसे खराब वायु गुणवत्ता दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश में देखी जाती है। पटाखे जलाने से दिवाली की रात और आने वाले कुछ दिनों में सुरक्षित मानकों से ऊपर पीएम 2.5, एसओ2 और अन्य मानदंड प्रदूषकों की सांद्रता बढ़ जाती है।
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