ये है दुनिया का सबसे छोटा देश, जहां राष्ट्रपति खुद पर्यटकों के लिए बन जाते हैं गाइड...
आपने दुनिया के तमाम देशों के बारे में सुना होगा. इनमें से कुछ सबसे बड़े और कुछ दुनिया के सबसे छोटे देश हैं। आज हम आपको जिस देश के बारे में बताने जा रहे हैं वह दुनिया का सबसे छोटा देश है।
इस देश के बारे में कई बातें वाकई अद्भुत हैं। इनके बारे में जानकर आप जरूर हैरान रह जाएंगे। इस देश को जनसंख्या की दृष्टि से भी विश्व का सबसे छोटा देश माना जाता है। दरअसल हम बात कर रहे हैं अमेरिकी राज्य नेवादा के पास स्थित एक देश की। जिसे मोलोसिया के नाम से जाना जाता है।
पर्यटकों को खुद चलाते हैं राष्ट्रपति
मोलोसिया न केवल आकार में बल्कि जनसंख्या के मामले में भी बहुत छोटा देश है। इस देश की सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि यहां आने वाले पर्यटकों को गाइड करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि इस देश के राष्ट्रपति खुद पर्यटकों के लिए गाइड का काम करते हैं। इस देश की जनसंख्या मात्र 33 है। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि इन 33 लोगों में उनके पालतू जानवर भी शामिल हैं। वहीं भारत में कई ऐसे परिवार हैं जहां एक ही परिवार में कई लोग होते हैं। इस वर्ष देश ने अपनी स्थापना के लगभग 40 वर्ष पूरे कर लिए हैं। हालांकि, कई देशों की सरकारों ने अभी तक इस मोलोसिया को देश की आधिकारिक मान्यता नहीं दी है।
1977 में देश अलग हुआ था
आपको बता दें कि यह देश 26 मई 1977 को अलग हुआ था। फिर केविन बॉग नाम के एक शख्स ने अपने दोस्त जेम्स स्पेलमैन के साथ मिलकर देश को अलग कर दिया। हालांकि, कुछ समय बाद जेम्स इस जगह को छोड़कर यूरोप में बस गए। लेकिन शुरुआत में केविन, जो इस देश के राष्ट्रपति थे, ने खुद को देश का तानाशाह घोषित किया। केविन की पत्नी को इस देश की पहली महिला होने का दर्जा प्राप्त है। यहां रहने वाले ज्यादातर नागरिक केविन के रिश्तेदार हैं। देश का अपना कानून और व्यवस्था है और इसकी अपनी मुद्रा भी है जिसे वलोरा कहा जाता है।
यहां कई देशों के पर्यटक आते हैं
आपको बता दें कि हर साल कई पर्यटक इस देश को देखने और घूमने के लिए यहां आते हैं और अन्य देशों की तरह पर्यटकों को भी अपने पासपोर्ट पर मुहर लगानी पड़ती है और बैंक से मुद्रा का आदान-प्रदान करना पड़ता है।
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