कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के लिए सभी दस सीटों पर प्रभारी नियुक्त किए हैं,

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लखनऊ 13 अगस्त: (डेस्क)कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए सभी दस सीटों पर अपने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। इस निर्णय के तहत, राहुल गांधी को छोड़कर पार्टी के सभी सांसदों को विभिन्न सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह कदम पार्टी की चुनावी रणनीति को मजबूत करने और चुनावी तैयारियों को गति देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

akhalsha-yathava-ka-satha-rahal-gathha_2347d6dea2d524ad47efe1ee423062d3.jpegImage credit : Amar Ujala

पर्यवेक्षकों की नियुक्ति

कांग्रेस ने जिन सांसदों और नेताओं को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, उनमें अमेठी से सांसद किशोरी लाल शर्मा को सीसामऊ सीट, सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद को मीरापुर सीट, और सीतापुर से सांसद राकेश राठौर को कुंदरकी सीट का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा, बाराबंकी से सांसद तनुज पुनिया को गाजियाबाद सीट, और विधायक वीरेंद्र चौधरी को मझवा सीट का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

अन्य नियुक्तियाँ

कांग्रेस ने इस योजना के तहत पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को कटेहरी सीट, पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह को मिल्कीपुर सीट, और पूर्व विधायक श्रीराजकुमार रावत को खैर सीट का पर्यवेक्षक बनाया है। करहल सीट के लिए पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन सभी नियुक्तियों का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करना और पार्टी की स्थिति को मजबूत करना है।

चुनावी रणनीति

कांग्रेस की यह रणनीति उत्तर प्रदेश में पार्टी की स्थिति को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण है। पिछले चुनावों में पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी, इसलिए इस बार पार्टी ने अधिक सक्रियता दिखाई है। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि वे स्थानीय मुद्दों को समझकर चुनावी प्रचार को प्रभावी बनाएंगे।

राहुल गांधी की अनुपस्थिति

राहुल गांधी को इस बार पर्यवेक्षक के रूप में नहीं चुना गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी ने स्थानीय स्तर पर अधिक ध्यान देने का निर्णय लिया है। पार्टी के अन्य नेता और सांसद अब चुनावी मैदान में सक्रिय रूप से काम करेंगे, जिससे स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।