अन्ना मवेशियों से परेशान किसानों ने ब्लाॅक का किया घेराव

चित्रकूट 10 सितंबर:(डेस्क)चित्रकूट में अन्ना मवेशी किसानों की समस्या: भारतीय किसान यूनियन का प्रदर्शन
चित्रकूट जिले के पहाड़ी इलाकों में अन्ना मवेशी किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे किसानों में आक्रोश है। इस समस्या का समाधान न होने से भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने ट्रैक्टर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। उन्होंने ब्लाॅक गेट पर ट्रैक्टर खड़ा कर जाम लगा दिया और अधिकारियों से वार्ता की। लगभग पांच घंटे तक की वार्ता के बाद एक सप्ताह के अंदर समस्या का समाधान कराने पर किसानों ने जाम खत्म किया।

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अन्ना मवेशी की समस्या
चित्रकूट के पहाड़ी इलाकों में अन्ना मवेशी किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ये जंगली जानवर खेतों में घुसकर किसानों की मक्का, गन्ना और अन्य फसलों को नष्ट कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस समस्या से उनका काफी नुकसान हो रहा है और सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन का प्रदर्शन
अन्ना मवेशी की समस्या का समाधान न होने से भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने ट्रैक्टर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। उन्होंने ब्लाॅक गेट पर ट्रैक्टर खड़ा कर जाम लगा दिया और अधिकारियों से वार्ता की। किसानों का कहना था कि यदि सरकार द्वारा तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे और भी कड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे।

वार्ता और समझौता
लगभग पांच घंटे तक की वार्ता के बाद अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के अंदर अन्ना मवेशी की समस्या का समाधान किया जाएगा। इस पर किसानों ने जाम खत्म करने का फैसला किया। किसान नेता राजेश वर्मा ने कहा कि अगर एक सप्ताह में समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे फिर से आंदोलन शुरू करेंगे।

सरकार से किसानों की मांग
किसानों ने सरकार से मांग की है कि अन्ना मवेशी को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए और उन्हें वन विभाग को सौंप दिया जाए। साथ ही, किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाए। किसानों का कहना है कि सरकार को इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और किसानों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।

निष्कर्ष
चित्रकूट में अन्ना मवेशी की समस्या एक गंभीर मुद्दा है जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदर्शन से सरकार को चेतावनी मिली है कि यदि समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो किसान और भी कड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और किसानों की मांगों पर ध्यान देकर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।