फंड और वादों के साथ चीन से लौटे नेपाल के विदेश मंत्री, जानिए ड्रैगन ने क्यों दिखाई मेहरबानी

in #china2 years ago

China-Nepal News: नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खदका को चीन ने खुश करके भेजा है. बीजिंग ने 'वन चाइना' नीति पर बने रहने के आश्वासन के बदले नेपाल को एक बड़ा अनुदान देने की पेशकश की है. यह मदद अक्टूबर 2019 में नेपाल यात्रा के दौरान शी जिनपिंग द्वारा किए गए 3.5 बिलियन आरएमबी के वादे के अतिरिक्त होगा.
काठमांडू. नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खदका को चीन ने खुश करके भेजा है. बीजिंग ने ‘वन चाइना’ नीति पर बने रहने के आश्वासन के बदले नेपाल को एक बड़ा अनुदान देने की पेशकश की है. चीनी विदेश मंत्री और राज्य पार्षद वांग यी के निमंत्रण पर खदका ने इस सप्ताह की शुरुआत में चीन में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक खदका की वापसी पर नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि खदका और यी ने अन्य बातों के अलावा द्विपक्षीय व्यापार, कनेक्टिविटी नेटवर्क, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, और शिक्षा को बढ़ाने पर चर्चा की है. इसमें कहा गया है कि चीन, नेपाल में कोविड कंट्रोल के लिए धन के साथ-साथ उपकरण भी मुहैया कराएगा.बीजिंग ने नेपाल को यह भी आश्वासन दिया है कि वह काठमांडू की पसंद की परियोजनाओं के लिए चालू वित्त वर्ष के लिए 800 मिलियन आरएमबी (118 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का अनुदान देगा. यह अक्टूबर 2019 में नेपाल यात्रा के दौरान शी जिनपिंग द्वारा वादा किए गए 3.5 बिलियन आरएमबी के अतिरिक्त होगा. रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल ने चीन को आश्वस्त किया है वह ‘वन चाइना’ नीति का दृढ़ता से पालन करेगा. इसके अलावा यूएस-नेपाल संबंधों के बारे में चीनी चिंता पर खदका ने यी को आश्वासन दिया कि पश्चिमी देशों, विशेष रूप से अमेरिका के साथ नेपाल का सहयोग विकास के लिए था और इसमें कोई सुरक्षा या सैन्य सहयोग नहीं था.नेपाल ने चीन को यह भी आश्वासन दिया कि वह तिब्बत की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए किसी भी बाहरी ताकत को चीन के खिलाफ अपने क्षेत्र में किसी भी गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति नहीं देगा. दरअसल पिछले महीने नेपाली सेना और यूएस नेशनल गार्ड के बीच एक आदान-प्रदान कार्यक्रम और स्टेट पार्टनरशिप प्रोग्राम में नेपाल भाग लेने वाला था. लेकिन देश में ही विरोध झेलने के बाद अंतिम समय में नेपाल ने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया था. फिलहाल नेपाल के अधिकारी विदेश मंत्री के चीन दौरे पर चुप हैं. ऐसा लगता है कि नेपाल चीन की रोड परियोजना के साथ आगे बढ़ने के लिए सहमत हो गया है.
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