पाली पुलिस की शर्मनाक कार्यवाही: रात्रि में घर घुस नाबालिग पुत्री से छेड़छाड़ का मामला।

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आदिवासी नाबालिग से छेड़छाड़ की आजाक थाने में की गई है शिकायत।

कोरबा/पाली (wortheum news) उच्च पुलिस अधिकारी का अपने मातहम थाना प्रभारियों को यह हिदायत रहता है कि महिला संबंधी गंभीर अपराधों को छोड़ किसी भी शिकायत पर बिना जांच अपराध पंजीबद्ध न करें। साथ ही उन्हें समय- समय पर यह भी सीख दिया जाता है कि पुलिस अपने थाना क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने, अपराधियों व असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने, थाना पहुँचे फरियादियों की शिकायतें को सुन उनका निराकरण करने, आमजन की रक्षा करने व शांति व्यवस्था बनाए रखने के साथ लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास की भावना जागृत कर मित्र पुलिस की संकल्पना को मूर्त रूप प्रदान करें। किन्तु कुछ पुलिस प्रभारी अपने शीर्ष अधिकारियों के ऐसे दिशा-निर्देशों को ताक पर रख मनमाना कार्रवाई करने से नही चूकते। वही महिला संबंधी गंभीर मामलों में कार्यवाही की इनकी परिभाषा मनमाफिक होती है। फलस्वरूप आम लोगों के मन मे कानून के प्रति भय/अविश्वास पैदा होने के साथ वे पुलिस से दूर होते चले जाते हैं। पाली पुलिस ने भी एक ऐसे ही मनमाने कार्रवाई को अंजाम दिया है जिसके जानकार लोग इसे पुलिस की शर्मनाक कार्रवाई बता रहे है।

घटना के संबंध में पीड़िता पक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार पाली थानांतर्गत एवं ब्लाक मुख्यालय से लगा हुआ ग्राम पंचायत मादन में निवास करने वाले एक आदिवासी परिवार के घर 26 अप्रैल 2022 की देर रात्रि गांव के ही निवासी सुनील यादव व जतिन नामक युवक बलात घुस गए और हुड़दंग करने लगे। इस बीच घर के मुखिया ने जब उनको ऐसा करने से मना किया तब वे आवेश में आकर मुखिया, उसकी पत्नी व 22 वर्षीय बड़े पुत्र के साथ मारपीट करने लगे। घटना के वक्त जब घर में सो रही 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री बीच- बचाव के लिए उठी तो उसके साथ उक्त युवकों द्वारा छेड़छाड़ को अंजाम दिया गया तथा अन्य सदस्यों के साथ जमकर मारपीट कर मौके से चले गए। दूसरे दिन जब पीडित परिवार का मुखिया और उसका पुत्र घर मे घुसकर मारपीट व नाबालिग पुत्री से छेड़खानी की शिकायत लेकर पाली थाना पहुँचे तो यहां की पुलिस ने उनकी एक नही सुनी और उल्टे उन्हें ही अपराध धारा 294, 323, 506, 34 में गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ देर बाद जब मुखिया की पत्नी थाने पहुँची तो उसे वहां से डांट- फटकार कर भगा दिया गया। इस दौरान पिता- पुत्र या उसके परिवार के सदस्यों को न तो विधिक सहायता की जानकारी दी गई और न ही मुचलका जमानत पर छोड़ा गया। इस अभाव में जमानती धारा में भी गरीब पिता- पुत्र को जेल जाना पड़ा। अपने परिवार के साथ मारपीट, नाबालिग पुत्री से छेड़छाड़ जैसी घटित घटनाक्रम की पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नही करने और पति- पुत्र के जेल चले जाने के सदमे से उधर एक पत्नी और मां के आंखों की रोशनी चली गई। रोजी- मजदूरी कर जीवन-यापन करने वाले इस परिवार पर पाली थानेदार अनिल पटेल की जानकारी में हुई शर्मनाक पूर्ण कार्रवाई से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बच्चे भूख से बिलखने लगे तब आंखों से न देख पाने के बावजूद भी लाचार मां अपने 1 वर्ष के दुधमुहे पुत्र को सीने से लगाए, 10 व 4 वर्षीय पुत्री का हाथ थामे घर- घर जाकर भीख मांगने को मजबूर हो गई है। पीड़िता द्वारा भीख मांगकर इकट्ठा किये हुए चांवल को बेचकर बीते 18 मई 2022 को अपने तीनो बच्चों के साथ कलेक्टर से पुलिस की ज्यादती व पति- पुत्र को छुड़ाने की फरियाद लेकर पहुँची थी, किन्तु कलेक्टर श्रीमती रानू साहू से मुलाकात नही हो पायी। हताश महिला किसी तरह अजाक थाना पहुँची व अपनी 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री के साथ घटित घटना के सम्बंध में एक शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई नही की गई है। उक्त घटित घटना व पुलिस की मनमानी कार्रवाई के सदमे से आंखों की रोशनी खो देने के बाद इस तपती धूप में अपने बच्चों का हाथ थामे इधर- उधर भटक रही एक बेबस पत्नी और मां को अब यह समझ नही आ रहा कि आखिर अपने पति- पुत्र को छुड़ाने प्रयास करे या भूखे बच्चों के लिए दो वक्त की रोटी का व्यवस्था करे। पाली पुलिस की उक्त कार्रवाई से यह परिवार बिखर कर रह गया है और बेवजह सजा काटने व मुसीबत झेलने को मजबूर है। गौरतलब है कि आमजनों की सुरक्षा और सुविधा के लिए कार्य करने वाला यह पुलिस कहां तक राष्ट्र की निष्ठा से जुड़ा हुआ है, यह तो घर घुसकर मारपीट व नाबालिग पुत्री के साथ छेड़छाड़ के घटित घटना की शिकायत लेकर थाने पहुँचे पिता- पुत्र की व्यथा सुने बगैर किये गए एकपक्षीय पुलिसिया कार्रवाई व पत्नी को डरा- धमकाकर भगा देने से इस दृश्य का दृश्यांकन हो जाता है। कर्तव्य विहीनता की पराकाष्ठा पार करने वाले पाली पुलिस द्वारा इस परिवार की शिकायत न सुने जाने व जमानती धारा में भी गिरफ्तार कर की गई कार्रवाई से पिता- पुत्र को वर्तमान जेल की सजा काटनी पड़ रही है। आखिर कहां है समाज सेवी भाव का दिखावा करने वाले कांग्रेस- भाजपा के कदावर नेता जो उस गरीब बेबस व लाचार महिला को न्याय दिला सके। क्या जिला पुलिस अधीक्षक को अपना रिश्तेदार बताने वाले पाली थानेदार अनिल पटेल पर इस पूरे घटनाक्रम की जिम्मेदारी तय होगी और उन्हें दण्ड मिलेगा या फिर पुलिस मुखिया के करीबी होने का अभयदान मिल जाएगा?